सभी को देखने में लगता है कि हम पैदल चलते हैं, पर ऐसा नहीं है। हम जनता के सेवक है, जनता के मन पर आरूढ़ होकर चलते हैं। जितनी गति मन की है, उतनी और किस वाहन की हो सकती है? जनशक्ति को जागृत करके समाज में परिवर्तन लाना है। […]

क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?