भूखा, प्यासा और बिना घर वाला भगवान हमारे सामने खड़ा है। आज वह खुद कह रहा है कि हमें खिलाओ, हमें कपड़े दो, हम ठंड से ठिठुर रहे हैं। बाबा कहते थे कि आज का भगवान खुद दूध दुहता है, पर उसे पीने को नहीं मिलता। वह फलों के बगीचे […]

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