सभी प्रदेश एवं जिला सर्वोदय मंडलों के अध्यक्षों की सेवा में—
साथियों,
जयजगत!
भारत समेत दुनिया के कई देश इस समय नये कोरोना वायरस के तेजी से पैâल रहे संक्रमण का सामना कर रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहले की तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा तीव्र है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ संक्रमण के तेजी से पैâलने के पीछे चार प्रमुख कारण मानते हैं। इनमें कोरोना के नये प्रकार का फैलाव, पूर्व में संक्रमित लोगों में प्रतिरोधक क्षमता का खत्म होना, भारत में वायरस के दोहरे बदलाव और कोरोना अनुवूâल व्यवहार के पालन में भारी लापरवाही शामिल है।
नये वायरस के लक्षण बेहद अलग हैं। इनमें आंखों से पानी आना, सूजन और लालपन रहना, पेट में ऐंठन, उल्टी आना, दस्त जैसी समस्या शामिल है। बीमारी के दौरान और ठीक होने पर कई हफ्ते तक थकान महसूस होना, नीद की कमी, मनोभ्रम, कानों में झनझनाहट और सुनने में दिक्कत, लंबे समय तक बदली हुई आवाज में खांसी आना, छाती में बेचैनी के साथ सांस लेने में दिक्कत, तेजी से दिल धड़कना, सूजन की शिकायत तथा भोजन की महक और स्वाद को महसूस न कर पाना शामिल है।
वायरस के तेज पैâलाव के कारण कई राज्यों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। स्वूâल, कॉलेज बंद हो गये हैं। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी हो गयी है। सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस महामारी की चपेट में लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जिसमें सर्वोदय परिवार के अनेक लोग भी शामिल हैं।
संकट की इस घड़ी में संक्रमण से जूझ रहे लोगों के प्रति हम अपनी सद्भावना और एकजुटता तथा शोक-संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
संकट के समय सेवा करने की सर्वोदय परिवार की गौरवशाली परंपरा रही है, जिसकी शुरुआत महात्मा गांधी ने अपनी जान जोखिम में डालकर दक्षिण अप्रâीका में प्लेग के रोगियों की सेवा से की थी। इस कठिन समय में सर्वोदय कार्यकर्ता चुपचाप नहीं बैठ सकते। कोरोना दिशा-निर्देश का स्वयं पालन करते हुए प्रभावित लोगों की मदद करना हमारा परम कर्तव्य है। जनता में जागरूकता पैâलाना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है, जैसे मास्क पहनना, दो गज दूरी का पालन करना, साबुन से हाथ बार-बार धोना या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने आदि का प्रचार-प्रसार करना। रोग के लक्षण दिखायी देने पर तुरंत जांच कराना है। साथ ही साथ टीकाकरण के लिए पंजीकरण में मदद करना, उपचार के लिए जरूरी सुझाव देना, हैंडबिल, पोस्टर, वाल राइटिंग, सोशल मीडिया द्वारा प्रचार-प्रसार करना आदि का कार्य सर्वोदय कार्यकर्ता करें, ऐसी मेरी आशा और अनुरोध है।
मुझे पूरा विश्वास है कि संकट की इस घड़ी में सर्वोदय कार्यकर्ता शांति सैनिक की अपनी ऐतिहासिक भूमिका का पूरी जिम्मेदारी से निर्वाह करेंगे। प्रदेश, जिला व स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक शांति सैनिकों (पुरुष, महिला तथा इच्छुक लोकसेवक, सर्वोदय मित्रों) की एक सूची बनायी जाय। इसमें हर शांति सैनिक का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर, ई-मेल आदि दर्ज करके एक रजिस्टर बनाना चाहिए। इलाके के कोविड अस्पताल का मोबाइल नंबर और कोविड पेशेंट के लिए एम्बुलेंस मोबाइल नंबर, कोविड डॉक्टरों के नाम, मोबाइल नंबर, डेड बॉडी ले जाने के लिए वाहन का मोबाइल नंबर शांति सैनिकों के पास रहना जरूरी है। जरूरत पड़ने पर डेड बॉडी का अंतिम संस्कार के लिए प्रशिक्षण लेने के बाद अंतिम संस्कार में मदद करना।
इस संकटमय परिस्थिति में किसी तरह का भेदभाव तथा पूर्वाग्रह न रखते हुए व्यक्ति, समुदाय और स्वैच्छिक संगठनों तथा प्रशासन के साथ मिलकर-जुलकर काम को आगे बढ़ाना जरूरी है। संकट की इस घड़ी में राज्य एवं समाज के बीच सेतु बंधन के माध्यम से काम को आगे ले जाना चाहिए। आपके द्वारा किये जा रहे कार्य की संक्षिप्त रिपोर्ट सेवाग्राम कार्यालय को अवश्य भेजें। साभिवादन!
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