जल और जाति का गठजोड़ आज़ादी के 75 साल बाद भी अनसुलझा है और यह सरकार की नीतियों की एक महत्वपूर्ण खामी है। सरकार को दलितों तक पानी की सुरक्षित पहुंच बनाने के लिए अलग प्रावधानों की पेशकश करनी चाहिए। इन प्रावधानों के बिना कोई भी नीति दलितों से अछूती […]

साक्षात्कार क्लाइमेट चेंज; इन दो शब्दों ने दुनिया को डिस्टर्ब कर रखा है. हम दो तरह की बातें अक्सर सुनते हैं. एक तो ये कि इससे दुनिया को क्या क्या और कैसे कैसे खतरे हैं और दूसरा ये कि इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया भर के राजनीतिज्ञ क्या […]

ग्राम स्वराज की विरासत बनवासी सेवा आश्रम औपचारिक रूप से 1956 में पंजीकृत हुआ और गोविंद वल्लभ पंत की दूरदृष्टि को कठिन परिस्थियों में भी जमीनी स्तर पर उतारने में सफल रहा है। यहाँ साकार हो रहा है गाँधी जी के ग्राम स्वराज का सपना. आइये, आश्रम के इतिवृत्त पर […]

साक्षात्कार सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की नयी अध्यक्ष आशा बोथरा का कहना है कि सेवाग्राम आश्रम की वैश्विक ख्याति के मद्देनजर इस स्थान से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का सदुपयोग हमें समाज में घोले जा रहे नफरत के विष को शांत करने में करना है. सेवाग्राम की पुण्यभूमि उन सभी को […]

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कैद में निगरानी करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी का बयान एक साक्षात्कार में चंडीगढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी एमजी देवसहायम, जो कैद में जेपी की निगरानी कर रहे थे, उनके साथ गुजरे अपने समय को याद करते हैं। उनका कहना है कि आरएसएस ने न केवल आपातकाल […]

नर्मदा बचाओ आंदोलन इन 37 वर्षों के संघर्ष में तमाम कार्यकर्ताओं पर अनेक मुकदमे लगे, उन्हें जेल में भी रहना पड़ा, संघर्ष करते-करते कई कार्यकर्ताओं की मौत तक हो गई। उन सभी कार्यकर्ताओं को देश के जन संगठनों, किसान संगठनों और समाजवादियों की ओर से क्रांतिकारी सलाम पेश किया जाना […]

कृपया कुछ करें! पश्चिम चम्पारण जिले में भूमि सुधार के मामलों में मची है अंधेरगर्दी। आयुक्त का आदेश कलेक्टर और कलेक्टर का आदेश सीओ नहीं मानते। बीती 2 सितम्बर को ढाई वर्षों बाद समाहर्ता कोर्ट में बैठे। उनके कोर्ट में 13 से लेकर 45 वर्षों तक के 23 पुराने सीलिंग […]

तीन भारतीयों ने पाकिस्तान में की शांति तीर्थयात्रा 75 साल पहले हुए देश के बंटवारे के बाद बने दो देशों के बीच सीमा रेखा ही नहीं खिंची, तलवारें भी तन गयीं. एक स्थायी शत्रुता, अंतहीन तनाव और परस्पर अविश्वास की खाइयों ने दोनों समाजों को बराबर दूर किये रखा. लेकिन […]

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पुनर्विचार करें! हिमांशु कुमार के पीआईएल को कोर्ट ने लंबे समय के बाद, यह कहकर खारिज कर दिया कि वे अल्ट्रा लेफ्ट और आतंकी गतिविधियों का बचाव करते हैं। हिमांशु का गांधीवादी कैंप में स्थान है और गांधीवादी निडरता के साथ उन्होंने पीआईएल करने के […]

जो लोग सत्ता में हैं, उनके पास कोई रचनात्मक सोच नहीं संपादक महोदय, मैं 83 वर्ष का एक वरिष्ठ नागरिक हूं। पिछले 60 वर्षों से सर्वोदय तथा खादी के माध्यम से सामाजिक कार्यों में संलग्न हूं। आपने ‘सर्वोदय जगत’ पत्रिका को बहुत अच्छी ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। इसके माध्यम […]

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