वाहिनी मित्र मिलन का आयोजन इस बार अहिंसा एवं शांतिमय संघर्ष की प्रयोगभूमि बोधगया में 30,31 दिसम्बर एवं 1 जनवरी 2022 को सम्पन्न होने वाला है. मित्र मिलन में देश भर के साथी इकट्ठा होंगे और वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों पर चर्चा कर, भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करेंगे. मित्र […]

दुनिया में सबसे टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कपड़ा होने के कारण दुनिया में खादी की मांग बढ़ती जा रही है। खादी डेनिम दुनिया में एकमात्र दस्तकारी डेनिम फैब्रिक है, जिसने देश और विदेश में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। कपड़े की बेहतर गुणवत्ता, आराम, जैविक और पर्यावरण के अनुकूल […]

कताई और बुनाई की शैलियों तथा प्रक्रियाओं के संदर्भ ऋग्वेद में भी पाए जाते हैं। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व, कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी चरखे के अस्तित्व का उल्लेख किया गया है। कौटिल्य ने अपने ग्रंथ में “सूत्राध्यक्ष” नामक राज्य के अधिकारियों का उदाहरण भी दिया है। प्राचीन काल से […]

नवाबों के शासन के बाद ब्रिटिश शासन में इन प्रसिद्ध शिल्पकारों को संरक्षण से वंचित कर दिया गया; जीविका पर आये संकट के कारण इनका जीवित रहना मुश्किल हो गया। किसी प्राकृतिक आपदा में उनका गांव बालूचर भागीरथी नदी में बह गया। उसके बाद ये बुनकर जियागंज और मुर्शिदाबाद जिलों […]

यदि एकता का महत्व हमारी समझ में आता है, तो खादी हमारे बीच एक कॉमन सूत्र बन सकती है, जो भावनात्मक रूप से हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है। बांग्लादेश और असम भौगोलिक रूप से एक दूसरे से सटे हुए हैं, दक्षिण पूर्व एशिया के इस हिस्से में रहने वाले […]

भारत में कुल वस्त्र उत्पादन का 15 प्रतिशत हैंडलूम सेक्टर में होता है। विश्व भर में हाथ से बुने कपड़े में भारत प्रथम स्थान पर है और यह प्रतिशत के हिसाब से 95 प्रतिशत है। फिर भी हैंडलूम वीवर्स की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सभी योजनाओं के पुनरावलोकन के […]

आज के जमाने में चरखे का अर्थशास्त्र क्या है? क्या चरखा योग, व्यायाम और अध्यात्म साधना का माध्यम भी हो सकता है? हो सकता है। अगर हम अपने श्रम से किसी को एक वस्त्र बनाकर देते हैं, तो इससे उत्तम दूसरी कोई बात नहीं हो सकती. इससे अधिक आनन्ददायक और […]

खादी सादगी, आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और अहिंसा की प्रतिनिधि थी। खादी भारत में गरीबों के लिए मोक्ष का प्रतीक थी। यह सबसे बड़ा और सबसे व्यापक राष्ट्रीय उद्योग था। चरखे ने एक ऐसा धागा प्रदान किया, जिसने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। चरखा मानव गरिमा और समानता का […]

कभी इस देश के गरीब से गरीब व्यक्ति का वस्त्र रही खादी आज आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को छोड़कर सामान्य गरीब या मध्यम वर्ग की पहुँच और औकात से बाहर हो चुका वस्त्र है। भारत भर में खादी भंडारों की विशाल श्रृंखला, जिसके माध्यम से खादी के वस्त्र जन-जन […]

गांधी जी प्रणीत अहिंसक क्रांति के रचनात्मक कार्यक्रमों की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि आप आज से, अभी से अपना स्वराज्य स्थापित करना शुरू कर सकते हैं। राज-सत्ता के परिवर्तन का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती। गांधीजी प्रणीत अहिंसक क्रांति का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष था वैकल्पिक रचना का। […]

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