चीनी व्यापारियों के खिलाफ सड़क पर उतरे कीनिया के लोग कीनिया की जनता ने चीनी व्यापारियों के विरोध में आंदोलन शुरू किया है। हजारों की संख्या में स्थानीय कारोबारी हाथों में पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरकर ‘चाइनीज मस्ट गो’ के नारे लगा रहे हैं। स्थानीय व्यापारी, चीनी व्यापारियों पर देश […]

दिल्ली में हुई राष्ट्रीय युवा गांधी कार्यशाला अमेरिका की गांधियन सोसायटी एवं हरिजन सेवक संघ, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 26 फरवरी को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा गांधी कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ संतोष छापर ने बताया कि प्रातः महात्मा गांधी द्वारा स्थापित प्रार्थना मंदिर में सर्व […]

निवानो पीस फाउंडेशन की घोषणा एकता परिषद के संस्थापक और प्रख्यात सर्वोदय नेता पीवी राजगोपाल को न्याय और शांति की सेवा में उनके असाधारण कार्य के लिए दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था निवानो पीस फाउंडेशन, जापान की तरफ से 40 वां निवानो शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी है। […]

बाल साहित्य पर वाराणसी में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन कामकाजी मां, बाप वाले एकल परिवारों में पल रहे आज के बच्चों का बचपन कैसा है? क्या दादा-दादी, नाना-नानी के सान्निध्य से वंचित बच्चों को यथेष्ट मानसिक खुराक मिल पा रही है? क्या बाल साहित्य बच्चों के मानसिक विकास में […]

‘स्वाधीनता आन्दोलन और साहित्य’ पुस्तक का लोकार्पण हमारी भाषाओं की समृद्ध परंपरा ने यहां के सामाजिक, नैतिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र को हमेशा संबल दिया है और सभ्यता, जीवन-मूल्य तथा परंपरा की रक्षा की है। अवधी, उर्दू, असमिया, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, बघेली, बुंदेलखंडी, बांग्ला, निमाड़ी, मणिपुरी, […]

अजमेर घोषणा-पत्र जारी जिस विचारधारा का देश के इतिहास, देश के राष्ट्रीय गीत, देश के झंडे, देश के संविधान और देश की बहुलतावादी संस्कृति पर विश्वास नहीं है, उसे सत्ता में रहने का भी हक़ नहीं है। 25-26 फरवरी को अजमेर में जुटे देशभर के गांधीजनों के सम्मेलन में देश […]

लोहिया निरंतर आध्यात्मिकता और नैतिकता के बीच, श्रेय और प्रेय के बीच पुल बनाने के प्रयास में लगे रहे। वे मानते थे कि आध्यात्मिकता शाश्वत है लेकिन हर युवा को, हर समाज को, हर व्यक्ति को अपनी नैतिकता स्वयं खोजनी पड़ती है। वे भारतीय समाज को बार-बार जड़ इसलिए कहते […]

गांधी अपने जीवन के हर आयाम में अहिंसक होने की कोशिश करते थे। ये कोशिश उन्हें बहुत ही विनम्र और साहसी बनाती थी। वे किसी को भी मृत्युदंड दिए जाने के विषय में बहुत विनम्रता से विचार करते हैं। वे भगत सिंह ही नहीं, किसी भी व्यक्ति को मृत्युदंड दिए […]

गणेश शंकर विद्यार्थी ने न केवल ‘प्रताप’ वरन स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर की पत्रकारिता के मूल्यों, देश की जनाकांक्षाओं से उसकी प्रतिबद्धता, समाज और जीवन के हर क्षेत्र में अपनी स्वप्नशील भावी दृष्टि का परिचय और संकल्प व्यक्त कर दिया था। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के ऐतिहासिक जन-संघर्ष में ‘आजाद पत्रकारिता’ […]

हाइड्रोलॉजिस्ट्स और संरक्षणवादियों का कहना है कि अर्जेंटीना में लीथियम खनन अपने क्षेत्र के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को रेगिस्तान में बदलने के लिए तैयार है। उच्च एंडीज के स्वदेशी लोगों का आरोप है कि उनके आस-पास का पानी, जिस पर वे घरेलू उपयोग के लिए भरोसा करते हैं, चरागाहों को […]

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