सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पुनर्विचार करें! हिमांशु कुमार के पीआईएल को कोर्ट ने लंबे समय के बाद, यह कहकर खारिज कर दिया कि वे अल्ट्रा लेफ्ट और आतंकी गतिविधियों का बचाव करते हैं। हिमांशु का गांधीवादी कैंप में स्थान है और गांधीवादी निडरता के साथ उन्होंने पीआईएल करने के […]

गांधी आश्रम, छतरपुर में आर्किड फाउंडेशन और गांधी स्मारक निधि के सहयोग से सात दिवसीय गृह निर्माण कार्यशाला चल रही है। यह कार्यशाला बुनियादी तालीम व कौशल संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत आयोजित है। कार्यशाला में चेन्नई से 40 प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसी आपदा […]

संयुक्त किसान मोर्चा तथा एआईकेएससीसी के बैनर तले किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ 26 जुलाई को सीतामढ़ी में वादा खिलाफी विरोधी जुलूस निकाला। यह जुलूस गांधी मैदान से शुरू होकर गांधी प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर समाप्त हुआ। प्रदर्शनकारी ‘केन्द्र सरकार वादा निभाओ’, ‘एमएसपी पर कानून बनाओ’, ‘सीतामढ़ी को सूखाग्रस्त […]

जवाहर भवन में शांति और सद्भावना सम्मेलन खुदाई खिदमतगार और हम सब सहमत इत्यादि संस्थाओं द्वारा 25 जुलाई को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. गांधी जी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य, रैमन मैग्सेसे अवार्डी सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय, गांधीवादी विचारक रमेश शर्मा तथा […]

देश के राजनीतिक परिदृश्य में पहले महिलाओं की मौजूदगी भले ही कम रही हो, पर यह सच है कि महिलाओं में राजनीतिक चेतना का विकास तेजी से हुआ है. अब महिलाएं यह जानने का प्रयास करने लगी हैं कि समाज महिलाओं के हितों के प्रति कितना चैकन्ना है, महिलाएं पहले […]

ग्रीन हब सेंट्रल इंडिया का भोपाल में पहला फ़िल्म फेस्टिवल 16 और 17 जुलाई को भोपाल के रवीन्द्र भवन में ग्रीन हब सेंट्रल इंडिया फ़ेलोशिप प्रोग्राम के पहले फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया. इसमें ग्रीन हब सेंट्रल इंडिया के पहले बैच के 17 प्रशिक्षुओं की फिल्में दिखाई गईं. इनमे […]

पलाश हमारे आयुर्वेद में वर्णित अति महत्वपूर्ण वृक्ष है। कुछ दशक पहले लगभग हर गाँव में पलाश के पेड़ या वन हुआ करते थे, आज पलाश के वन काटकर खेत बनाये जा चुके हैं। इसके संरक्षण के लिए जन जागरण किये जाने की जरूरत है। आइए, जानते हैं कि कितना […]

विकास करते-करते पचास साल पहले की जिंदगी को छोड़कर हम बहुत आगे निकल चुके हैं. पीछे जाना संभव नहीं है. मुझे लगता है कि ‘विकास’ की जिस अंधी गुफ़ा में इंसान घुस गया है, उसमें सिर्फ जाने का रास्ता है, निकलने का नहीं. गुफ़ा में आगे घना अंधेरा है, जिससे […]

मानव जीवन का अस्तित्व प्रकृति के संतुलन पर आधारित है. विकास की अंधी दौड़ में मानव समाज प्रकृति को व्यापक तौर पर क्षतिग्रस्त कर चुका है. वर्तमान वस्तुस्थिति यह है कि अपनी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है. भौतिक विकास के जिस आयाम तक […]

जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक ने एकाउंटिंग के स्तर पर, जीएसटी के विवाद कम करने और कंप्लायंस में कुछ सहूलियतें जरूर दी हैं, लेकिन सोलह राज्यों की राजस्व क्षति का सवाल अनसुना करके सरकार ने अपने एक राष्ट्र-एक टैक्स के गाजे-बाजे का स्वर स्वयं ही बेसुरा कर दिया है। […]

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