ब्रह्मविद्या मंदिर के प्रति अपने-अपने मनोभावों की यह श्रृंखला लोकप्रिय हो रही है। विनोबा विचार प्रवाह द्वारा आयोजित विनोबा विचार संगीति में ब्रह्मविद्या मन्दिर की ऊषा दीदी ने ब्रह्मविद्या मंदिर की संकल्पना पर अपने विचार व्यक्त किए थे। उनमें से कुछ अंश हम यहां ले रहे हैं। हैंड, हार्ट और […]

ब्रह्मविद्या मंदिर के प्रति आज अपने मनोभाव व्यक्त कर रही हैं ज्योति पाटणकर. उनके ये विचार विनोबा विचार संगीति में व्यक्त किए गए थे। आज उसी का एक अंश यहां प्रस्तुत है। महात्मा गांधी ने हमें सर्वोदय शब्द दिया। हम सभी का उदय चाहते हैं। जिसकी तरफ कोई देखना तक […]

विनोबा विचार प्रवाह की इस श्रृंखला में आज का मनोगत राजेश्वरी दलाई की कलम से.वे सेवा समाज, रायगढ़ ओड़िसा की सम्पादक हैं ज्ञान का संबंध हृदय के साथ, हृदय की श्रद्धा भक्ति के साथ होता है। उसे प्राप्त करने के लिए साधना की जरूरत होती है। उपनिषदकार कहते हैं कि […]

इस श्रृंखला में आजकल साथी ब्रह्मविद्या मन्दिर तीर्थ के प्रति अपने मनोभाव लिख रहे हैं. प्रस्तुतियों का सुंदर क्रम चल रहा है। आज हमारे अनुरोध को स्वीकार कर बहन अमी भट्ट ने इस विषय पर अपने विचार लिखे हैं। अमी दीदी बहुत बड़ी शिक्षाविद और सर्वोदय की मर्मज्ञ हैं। वे आदरणीय […]

ब्रह्मविद्या मंदिर के प्रति आज अपने मनोभाव व्यक्त कर रहे हैं हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मी दास जी। हम सबके अग्रज और सर्वोदय जगत के युवा तुर्क कहे जाने वाले लक्ष्मी दास जी भारत सरकार के खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने अद्भुत लिखा है। […]

ब्रह्मविद्या मंदिर के प्रति अपने मनोभाव व्यक्त करने वाली इस श्रृंखला के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है. मालेगांव, नासिक के पास स्थित गांव नामपुर में एक समूह है, जो बाबा का गीता प्रवचन पढ़कर विनोबामय हो रहा है। इसके सूत्रधार हैं नाथू भाई, जो भक्त हृदय व्यक्ति हैं […]

ब्रह्मविद्या, मंदिर के कण-कण में अपनी उपस्थिति का आभास कराती है। मजदूरी के क्षेत्र में ब्रह्मविद्या के अनूठे प्रयोग के लिए स्थापित यह आश्रम अपनी इसी आध्यात्मिक सुगंध के लिए जाना जाता है। ब्रह्मविद्या मंदिर जमीन से जितनी ऊंचाई पर स्थित है, उससे कहीं ज्यादा अध्यात्म की गहराई में समाहित […]

अव्यक्त भाई बाबा विनोबा के विचार वाहक के रूप में प्रख्यात हैं। वे विनोबा के अथक अध्यवसायी और अहर्निश अभ्यासी हैं. विनोबा विचार प्रवाह में ब्रह्मविद्या मन्दिर के बारे में आज उनके विचार। विनोबा ने एक बार कहा था, ‘अपने जीवन में मैंने केवल तीन संस्थाएँ शुरू कीं; बड़ौदा का […]

ब्रह्मविद्या मन्दिर तीर्थ पर इस सुंदर श्रंखला में हमारे वृहद सर्वोदय परिवार के सदस्य ब्रह्मविद्या मंदिर के बारे में अपने मनोभाव व्यक्त करते हैं। आज यहां सर्वोदय आश्रम हरदोई उप्र की अध्यक्ष और हरिजन सेवक संघ से संबद्ध उर्मिला श्रीवास्तव द्वारा उद्धृत विचार प्रस्तुत किए जा रहे हैं। ब्रह्म विद्या […]

सर्वोदय नेता नरेंद्र दुबे के पुत्र प्रो. पुष्पेंद्र दुबे भी उसी भावना से सर्वोदय परिवार से जुड़े हैं। एक अच्छे लेखक और सर्वोदय विचारक के रूप में उनका नाम है। इंदौर शहर के प्रख्यात कालेज महाराजा रणजीत सिंह पीजी कालेज के  वे प्राध्यापक हैं। उनके ब्रम्हविद्या मंदिर के बारे में जो […]

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