पवनार डायरी: विनोबा विचार प्रवाह, सर्वोदय समाज का तीर्थक्षेत्र; ब्रह्मविद्या मंदिर

ब्रह्मविद्या मन्दिर तीर्थ पर इस सुंदर श्रंखला में हमारे वृहद सर्वोदय परिवार के सदस्य ब्रह्मविद्या मंदिर के बारे में अपने मनोभाव व्यक्त करते हैं। आज यहां सर्वोदय आश्रम हरदोई उप्र की अध्यक्ष और हरिजन सेवक संघ से संबद्ध उर्मिला श्रीवास्तव द्वारा उद्धृत विचार प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

ब्रह्म विद्या मंदिर एक तपस्थल है, जो सामाजिक मूल्यों और आध्यात्मिकता का एक साथ प्रतिनिधित्व करता है। हमारा समाज कैसा हो और क्या वैसा बनाया जाना सम्भव है? दुनिया में इस प्रश्न का उत्तर एक ही जगह है, और वह जगह है पवनार आश्रम। महिलाओं की आध्यात्मिक ऊंचाई कहाँ तक पहुंच सकती है, इस शोधपूर्ण सफल प्रयोग का क्षेत्र है ब्रह्मविद्या मन्दिर का पवनार आश्रम।
दुनिया में विज्ञान पर निरन्तर शोध हो रहे हैं और उनका लाभ भी दुनिया को मिल रहा है, पर आश्चर्य है कि भारत जैसे आध्यात्मिक महत्व के देश में अध्यात्म पर शोध नहीं हो रहे हैं, इसलिए उसका प्रकाश भी फैल नहीं पा रहा है। इस अभाव में मनुष्य राह ढूंढ रहा है, जो उसे मिल नहीं पा रही है. केवल पवनार आश्रम में वह क्षमता है कि वह मनुष्यता को राह दिखा सके। ब्रह्मचारी बहनों का तपोनिष्ठ, श्रम निष्ठ जीवन एक न्याययुक्त समाज रचना के लिए दुनिया को मार्ग दिखाने के लिए तत्पर है।

दिग्भ्रमित मानवता जब विश्वशान्ति से युक्त शोषणमुक्त समाज की दिशा में बढ़ना चाहेगी तो गांधी विनोबा का मार्ग ही उन्हें राह दिखायेगा और दुनिया का ये लाइट हाउस ब्रम्ह विद्या मंदिर विश्व में उसका एकमात्र प्रमाण होगा।
आज सारे सर्वोदय समाज का वह तीर्थक्षेत्र है, जहां जाकर लोग नई ऊर्जा एकत्र करते हैं और वापस आकर दोगुनी ऊर्जा से अपने सामाजिक प्रयोगों  में लग जाते हैं। यहां का आडम्बरहीन स्नेहसिक्त वातावरण न केवल प्रत्येक के मन को तृप्त करता है, बल्कि दिल व दिमाग को समाधान भी देता है. न केवल ऊर्जा से आप्लावित करता है, बल्कि नई प्रेरणाओं से वह लोगों को उद्दीप्त कर देता है। दिग्भ्रमित मानवता जब विश्वशान्ति से युक्त शोषणमुक्त समाज की दिशा में बढ़ना चाहेगी तो गांधी विनोबा का मार्ग ही उन्हें राह दिखायेगा और दुनिया का ये लाइट हाउस ब्रम्ह विद्या मंदिर विश्व में उसका एकमात्र प्रमाण होगा। – उर्मिला श्रीवास्तव

Co Editor Sarvodaya Jagat

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