लेखक के रूप में नेहरू की विचार सम्पदा अत्यन्त मूल्यवान् है। व्यस्त जीवन में इतना अध्ययन और प्रभूत लेखन विस्मयकारी है। आत्मकथा, भारत की खोज, तथा विश्व इतिहास की झलक जैसी श्रेष्ठ कृतियों के अतिरिक्त उन्होंने स्फुट लेखों के रूप में विपुल साहित्य की रचना की है। शिक्षा, साहित्य, भाषा, […]

‘समय आ गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) को असंवैधानिक करार दिया जाए।’ ‘यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) जैसा कानून वर्तमान स्वरूप में कानून की किताब में नहीं रहना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश दीपक गुप्ता एक वेबिनार में बोल रहे थे, जिसका विषय था […]

अफ़ग़ानिस्तान में हामिद करजाई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला जैसे नेताओं से पहले वार्ता और उसके बाद उन्हें नज़रबंद करने का वाक़या यह सवाल उठाता है कि उस देश में किसी सर्वसमावेशी सरकार का गठन कैसे संभव होगा, जहां किसी भी सभा में किसी की उपस्थिति या अनुपस्थिति इस बात से तय […]

सर्वोदय आन्दोलन ने इस देश को अनेक महान विभूतियाँ दी हैं। ऐसी ही एक महान विभूति मेरठ में कृष्ण कुमार खन्ना जी हैं। कृष्ण कुमार एक ऐसे अनथक योद्धा हैं, जो देश की आजादी के लिए जेल गये, वहीं जब देश में लोकतंत्र पर संकट के बादल मंडराये तो आपातकाल […]

इधर एक नयी बहस शुरू हो गयी है, कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय हुई थी, न कि अकबर की। यह भी कहा जाता है कि अकबर को नहीं, महाराणा प्रताप को महान कहा जाना चाहिए। आरएसएस के मित्र अक्सर यह लांछन लगाते तो हैं कि वामपंथी […]

देश केसे बनता है? केसे कायम रहता है? क्या ठंडे सोच-विचार से, हित-स्वार्थों की चतुर समझदारी से, राष्ट्रीयता की सही वैज्ञानिक समझ से देश जन्म लेता और पनपता है? या देश एक जुनून है, आधी रात में देखा गया तर्कातीत सपना है, भावनाओं का अंधड़ है, इतिहास की भट्ठियों में […]

आज आपको चंपारण के ऐसे अद्भुत गांव की कहानी सुनाता हूं, जहां के लोग आज तक कभी किसी कोर्ट या पुलिस थाने नहीं गये। यह अपने आप में केसा अनोखा प्रतिमान है कि इस गाँव के लोग कभी किसी मुक़दमे के चक्कर में पड़े ही नहीं। ऐसा नही है कि […]

सीआरपीएफ, एसएसएफ, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स जैसे कई अर्धसैनिक बलों सहित भारत में लगभग 42 लाख कार्यरत सैनिक हैं। जो बाहरी दुश्मनों के साथ साथ आंतरिक स्तर पर भी देश में शांति बनाए रखने का कर्तव्य निभा रहे हैं। सेना, पुलिस के बावजूद भी… इसके अलावा, हर प्रदेश में […]

उमायरा तूफानों से खेलती आई हैं। 9 साल की थीं तो लड़कों जैसे बाल कटाने की हिमाकत कर बैठीं। फिर क्या था, तालिबानी लड़ाके आ धमके। उमायरा जान बचाने के लिए कुएं में कूद गईं। किसी तरह जिंदा बचीं। वक्त गुजरता गया। तालिबान सत्ता से बाहर हो गया। उमायरा काबुल […]

अंतरराष्ट्रीय मीडिया की इस बात के लिए तारीफ करनी पड़ेगी कि उसने तालिबान को सत्ता में आने देने और लोगों को एक जुल्मी सरकार के सामने बेबस छोड़ने के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना की है। अमेरिका ने इस मुल्क को फिर से आतंकवाद और कट्टरपंथ के जबड़े में धकेल […]

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