छतरपुर गांधी आश्रम में युवा सीख रहे पर्यावरण-अनुकूल भवन निर्माण की तकनीक

गांधी आश्रम, छतरपुर में आर्किड फाउंडेशन और गांधी स्मारक निधि के सहयोग से सात दिवसीय गृह निर्माण कार्यशाला चल रही है। यह कार्यशाला बुनियादी तालीम व कौशल संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत आयोजित है। कार्यशाला में चेन्नई से 40 प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसी आपदा से प्रभावित, आर्थिक रूप से कमजोर व विषम स्थानों पर रहने वाले लोगों की गृह पुनर्निर्माण में मदद के लिए युवा इंजीनियरों को प्रशिक्षण देना है।


गांधी स्मारक निधि की सचिव दमयंती पाणी बताती हैं कि आज जलवायु परिवर्तन के इस दौर में महात्मा गांधी की स्वदेशी और पर्यावरण अनुकूल भवन निर्माण तकनीकी बहुत प्रासंगिक है. ये नौजवान बच्चे गांधी आश्रम के इस प्राकृतिक परिवेश में गांधी विचार के मूल्यों को समझते और अनुभव करते हुए सात दिन हमारे साथ रहकर एक मॉडल तैयार कर रहे हैं, जो आगे इनके जीवन में काम आएगा। आर्किड फाउंडेशन के संस्थापक व कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर मोहित वर्मा बताते हैं कि पिछले 9 वर्षों से फाउंडेशन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदाओं के प्रबंधन व भवन पुनर्निर्माण के कार्य में संलग्न है. कार्यशाला के पहले दिन युवाओं ने गांधी आश्रम भवन की प्राचीन इमारत की वास्तुकला को बहुत बारीकी से जाना और समझा।

-दमयन्ती पाणी

Next Post

जन-मन

Mon Aug 29 , 2022
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पुनर्विचार करें! हिमांशु कुमार के पीआईएल को कोर्ट ने लंबे समय के बाद, यह कहकर खारिज कर दिया कि वे अल्ट्रा लेफ्ट और आतंकी गतिविधियों का बचाव करते हैं। हिमांशु का गांधीवादी कैंप में स्थान है और गांधीवादी निडरता के साथ उन्होंने पीआईएल करने के […]

You May Like

क्या हम आपकी कोई सहायता कर सकते है?