Categories: Cultural

तरुण भारत संघ आश्रम में ‘अनुपम बाग’ और ‘सिद्धराज ढड्ढा बाग’ का लोकार्पण

राजस्‍थान के अलवर में स्‍थापित तरुण भारत संघ आश्रम में पर्यावरणविद एवं गांधी विचारक स्व. अनुपम मिश्र और गांधी विचार से अनुप्रेरित स्व. सिद्धराज ढ़ड्ढा की स्मृति में 5 सितंबर को ‘अनुपम बाग’ और ‘सिद्धराज ढड़्ढा बाग’ का लोकार्पण अनुपम मिश्र की पत्नी सामजिक कार्यकर्त्‍ता सुश्री मंजूश्री मिश्र, ख्‍यात जल संरक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह, मीना सिंह, कुमारअप्पा संस्थान के संस्थापक डॉ. अवध प्रसाद, वरिष्ठ पत्रकार सन्नी सिविस्टियन ने पौधारोपण करके किया। इस मौके पर डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर सिद्धराज ढ़ड्ढा (प्रख्यात गांधीवादी एवं प्रथम उद्योग मंत्री राजस्थान) और अनुपम मिश्र (लेखक ‘आज भी खरे है तालाब’, राजस्‍थान की रजत बूंदें) की सीखों को पर्यावरण प्रेमी एवं समता हितैषी विचारधारा को फैलाना चाहिए।

इस बाग में पीपल, आम, बरगद, नीबू, आँवला आदि के 101 पौधों का रोपण किया गया। कुमारअप्पा संस्थान के निदेशक डॉ. अमित कुमार, नामा, जितेन्द्र जैमन, ब्रजेश पटेल, तरूण भारत संघ के निदेशक मौलिक सिसोदिया, सुरेश रैकवार, गोपाल सिंह, छोटेलाल मीणा, राहुल सिसोदिया, भरत रैकवार, पारस प्रताप सिंह आदि कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। उल्‍लेखनीय है कि राजस्‍थान के लोकप्रिय गांधी विचारक सिद्धराज ढड्ढा प्रारंभ से ही विनोबा भावे के भूदान आंदोलन से जुड़े रहे और राजस्थान में 1951 में सर्वोदय आंदोलन को गति दी। 1966-68 के दौरान इन्होंने जयप्रकाश नारायण के साथ बिहार में अकाल पीड़ितों की सेवा की। आपातकाल के दौरान इन्हें जेल जाना पड़ा। 2005 में कालाडेरा जयपुर में कोकाकोला कम्पनी के जल दोहन के विरुद्ध धरने का नेतृत्व किया। सिद्धराज ढड्ढा को 2001-2002 में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2003-04 में सरकारी नीतियां गरीब हित में नहीं होने से उन्होंने पद्मभूषण अस्वीकार कर दिया था।

गांधी- विनोबा विचारों से प्रेरित अनुपम मिश्र बरसों तक गांधी शांति प्रतिष्ठान के पर्यावरण कक्ष के प्रभारी रहे। उन्‍हें देशी ज्ञान, कौशल और समाज की ताकत पर पूरा भरोसा था और वे अपने जैसे लोगों का काम सिर्फ समाज को उसके कामों की, उसकी शक्ति की, उसकी जरूरतों की याद दिलाना भर मानते थे। उन्‍होंने आजीवन पर्यावरण और जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को बचाने पर जोर दिया। आज भी खरे हैं तालाब (1993) और राजस्थान की रजत बूंदें (1995) उनकी चर्चित किताबें हैं। उनकी किताब “आज भी खरे हैं तालाब” की 13 भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है। मिश्र को पर्यावरण क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1996 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

‘तरुण भारत संघ’ ने पिछले 30 वर्षों में देशभर में हजारों जोहड़-तालाब बनवाये हैं। इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने समुदायों को सचेत करके जल की समझ बढ़ाकर और उन्हें जल सहेजने वाले कार्यों में जोड़कर तथा जल संरक्षण व जल के अनुशासित उपयोग के संस्कार बनाकर और कम पानी में पैदा होने वाले अन्न उत्पादन को बढ़ावा देकर सात नदियों को पुनर्जीवित किया है। ‘तरुण भारत संघ’ ने राजस्थान के हजारों गांव, जो बेपानी होकर उजड़ गये थे, उनका पुनर्वास किया है। उनकी लाचारी-बेकारी व बीमारी मिटाने का काम किया है। ‘तरुण भारत संघ’ नदियों का अतिक्रमण हटाने हेतु सरकारों से नदियों की भूमि का सीमांकन करवाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है।

Source: https://www.spsmedia.in/current-news/inaugural-of-anupam-bagh-and-siddharaj-dhadha-bagh-at-tarun-bharat-sangh-ashram/

adminsj

Share
Published by
adminsj

Recent Posts

सर्वोदय जगत – 01-15 मई 2023

  सर्वोदय जगत पत्रिका डाक से नियमित प्राप्त करने के लिए आपका वित्तीय सहयोग चाहिए।…

7 months ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

1 year ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

1 year ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

1 year ago

इतिहास बदलने के प्रयास का विरोध करना होगा

इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की बैठक में बोले चंदन पाल इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की…

1 year ago

This website uses cookies.