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भारत जोड़ो अभियान ने शुरू की तैयारी

अभियान के प्रस्ताव में 2024 के आम चुनाव और इस साल होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 2 लाख प्रचारकों की भर्ती करना तथा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए लक्षित विधानसभा क्षेत्रों और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 25 अभियात्रियों को प्रशिक्षण देना शामिल है।

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 7 फरवरी को आयोजित नागरिक समाज संगठनों के एक विशाल सम्मेलन में कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ऐतिहासिक भारत जोड़ो पदयात्रा ‘भारत जोड़ो अभियान’ में बदल गई। भारत जोड़ो अभियान के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर से कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी जिनमें से कई, नागरिक समाज संगठनों के बैनर तले भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा थे और नफरत को हराने तथा भारत को एकजुट करने की आशा लिए देश भर में मीलों पैदल चलकर आए थे, शामिल हुए।

भारत जोड़ो अभियान के इस राष्ट्रीय सम्मेलन को राहुल गांधी ने संबोधित किया, जिन्होंने नागरिक समाज और जन आंदोलनों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की शुरुआत को याद किया। उन्होंने भाजपा और आरएसएस के राजनीतिक और वैचारिक मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों और नागरिक समाज की ऊर्जा को एकजुट करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सम्मेलन को कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, आरएलडी के त्रिलोक त्यागी, सीपीएम के विकास रंजन भट्टाचार्य, राजद के मनोज झा, भाकपा-माले के पुरुषोत्तम तथा भाकपा के एनी राजा ने भी संबोधित किया, इन सभी ने भारत जोड़ो अभियान के प्रति अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त की।

भारत जोड़ो अभियान की दिल्ली बैठक

भारत जोड़ो अभियान का प्रारूप प्रस्ताव विजय महाजन और योगेंद्र यादव द्वारा पेश किया गया और सम्मेलन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह प्रस्ताव विपक्षी दलों की ऊर्जा को जन आंदोलनों और जन संगठनों के साथ जोड़ने और नफरत की ताकतों का मुकाबला करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने की दिशा में एक खाका तैयार करने पर जोर देता है। 2024 में सत्ता परिवर्तन की दिशा में काम करते हुए आंदोलन, इन ताकतों के खिलाफ दीर्घकालिक, वैचारिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष शुरू करेगा। यह आंदोलन गणतंत्र को पुनःप्राप्त करने, संवैधानिक मूल्यों को दोहराने, लोकतांत्रिक संस्थानों को बचाने और हमारे स्वतंत्रता संग्राम की भावना को फिर से जगाने की दिशा में काम करेगा।

अपने स्वागत भाषण में कुमार प्रशांत ने उन चुनौतियों को रेखांकित किया, जो भारत के संविधान, हमारे राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रपिता का सम्मान नहीं करते हैं, जिसका हम आज सामना कर रहे हैं। अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए विजय महाजन ने एक वर्ष इस देश को बचाने के लिए, एक वर्ष संविधान को बचाने के लिए और एक वर्ष अपनी सभ्यता तथा इसकी विरासत को बचाने के लिए देने का आह्वान किया।

भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन में 26 सदस्यीय परामर्शदाता समूह, 82 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद और 19 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य समूह का चुनाव किया गया। अभियान ने 2024 के चुनावों से पहले भाजपा तथा आरएसएस की ताकत का मुकाबला करने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति पेश की, जिसमें ट्रोल सेना का मुकाबला करने के लिए ट्रुथ आर्मी (सत्य के प्रचारकों की सेना) खड़ी करना, 2024 के आम चुनाव और इस साल होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 2 लाख प्रचारकों की भर्ती करना तथा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए लक्षित विधानसभा क्षेत्रों और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 25 अभियात्रियों को प्रशिक्षण देना शामिल है।

भारत जोड़ो अभियान की शुरूआत में हुए पहले सत्र की अध्यक्षता सैयदा हमीद और अजीत भुइयां ने की और संचालन अविक साहा ने किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता विजय प्रताप और क्रिस्टीना सामी ने की और संचालन संजय एमजी ने किया। दृष्टि और कार्ययोजना पर हुए तीसरे सत्र की अध्यक्षता रवि चोपड़ा और प्रतिभा शिंदे ने की और संचालन योगेंद्र यादव ने किया। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत पर हुए चौथे सत्र का संचालन अजीत झा द्वारा किया गया और निष्कर्ष पर अंतिम सत्र की अध्यक्षता जस्टिस कोलसे पाटिल, रामचंद्र राही और वीके त्रिपाठी ने की तथा संचालन योगेंद्र यादव द्वारा किया गया। सम्मेलन को निखिल डे, कुमार प्रशांत, शेखर पाठक और आनंद कुमार ने भी संबोधित किया। सम्मेलन के दौरान न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल द्वारा भारत जोड़ो यात्रियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उदयकुमार की पुस्तक ‘कन्याकुमारी से पत्र’ का प्रशांत भूषण द्वारा विमोचन भी किया गया।

-टीम भारत जोड़ो अभियान

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