युवा समिति के संयोजक श्री बजरंग सोनावड़े ने युवा समिति की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि कोरोना के कारण कोई प्रत्यक्ष बैठक होना संभव नहीं हुआ. इसलिए 15 जून 2021 को अपराह्न 4.00 ऑनलाइन बैठक के जरिये देशभर के साथियों को जोड़ने का प्रयास किया गया. इस आनलाइन मीटिंग में देश भर से करीब 13 राज्यों से कुल 19 प्रमुख साथियों के अलावा सर्व सेवा संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हुए। बैठक की शुरुआत एक भजन से हुई। मीटिंग की प्रस्तावना महासचिव श्री गौरांग भाई ने रखी. सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष श्री चंदन पाल ने मीटिंग की अध्यक्षता की.
युवा सेल संयोजक श्री बजरंग सोनावड़े ने बैठक का संचालन किया और अपनी प्राथमिक बात में इस ज़ूम मीटिंग के उद्देश्य व संबंधित सूचनाओं से सभा को अवगत कराया। जिन साथियों को इस सेल के साथ हाल में जोड़ा गया है,वे सभी साथी अपने-अपने राज्यों के प्रभारी की हैसियत से यहां उपस्थित हैं. इन्ही प्रमुख साथियों को अपने राज्यों में युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम बनाना है. उदाहरणार्थ कॉलेज का दौरा, युवा शिविर, युवती शिविर आदि।
श्री गौरांग भाई ने कहा कि अभी तक सर्वोदय विचार की परांपरा में शांति सेना, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी, रा.यु.सं आदि युवा संगठनों का जन्म हुआ और उन्होंने अपना काम भी किया. कुछ संगठन अभी भी सक्रिय हैं। उनसे संवाद बनाकर हमें उनके साथ मिलकर योजनाएं बनाने के बारे में सोचना चाहिए.
श्रीमती आशा बोथरा ने कहा कि युवा शिविर का अभ्यासक्रम बनाना चाहिए. युवा कौन है? उसकी उम्र व अन्य सभी बातें तय होनी चाहिए. श्री सुब्बाराव भाई जी से मार्गदर्शन लेना चाहिए. वह कैसे युवाओं के साथ काम करते हैं, यह समझना चाहिए. युवा सेल के सभी प्रभारियों का भी प्रशिक्षण होना चाहिए.
श्री अशोक भारत ने कहा कि गांधी विचार-प्रचार पर हमें फोकस करना होगा. शिविरों का नया सिलेबस बने. शिविर तो जरूर होना चाहिए, पर उसका फ़ॉलोअप ठीक से होना चाहिए. पहले शिविर में क्या हो, दूसरे में क्या हो, यह सब पहले ही तय होना चाहिए.
श्री रामधीरज भाई ने कहा कि युवा सेल का सिलेबस बने, एनएसएस को जोड़ने का काम करें, गांवों के युवाओं के साथ भी रिश्ता बनना चाहिए. शार्ट फ़िल्म बने, सोलर एनर्जी पर काम होना चाहिए.
डॉ.विश्वजीत ने कहां कि रा.यु.सं.और सर्व सेवा संघ के संबंध अच्छे बनाने होंगे. युवा की उम्र 15 से 35 होनी चाहिए. जहां संगठन की जमीन बन सकती है. एक सर्वे के मुताबिक देश भर में ऐसे 18% लोग अभी हैं, जो कट्टर विचारों के विरोधी हैं, वे गांधी विचार के करीब आ सकते हैं। उन युवाओं को ध्यान में रखकर हमें योजनाएं बनानी चाहिए.
प्रो.आबिदा बेगम ने कहा कि सर्व सेवा संघ को युवाओं तक पहुँचना चाहिए। संगठन का उद्देश्य गांधी विचार का प्रचार हो। हमें एनएसएस के साथ अपना रिश्ता बनाना चाहिए,खादी पर काम हो और उसका प्रचार भी हो. युवाओं को हमारे रचनात्मक काम के साथ जोड़ना होगा। युवा लोगों को हमारी संस्थाओं और संगठनों मे जिम्मेदारी की जगह मिलनी चाहिए। पुराने लोगों को अपनी जिम्मेदारियां नये युवाओं के हाथों में सौपनी चाहिए.
श्री अरविंद अंजुम ने कहा कि विचार और रचनात्मक काम का आपस मे जोड़ हो। प्रान्तीय व राष्ट्रीय शिविरों पर फोकस होना चाहिए। नये सिरे से अभ्यासक्रम बनाना चाहिए। युवाओं की पहचान करके उन पर योजनाबध्द ढंग से काम करना चाहिए। समूह चर्चा पर जोर देना चाहिए, फ़ॉलोउप कार्यक्रम भी लेने होंगे। शिविरों में एक्सपर्ट साथियों को बुलाना होगा। 100 से 125 युवाओं की टीम बनाई जाए। आज के परिप्रेक्ष्य में गांधी कितने प्रासंगिक हैं, यह नयी पीढ़ी को समझाना होगा। शिविर का नया डिज़ाइन भी व्यवस्थित बने।
श्री संतोष द्विवेदी ने कहा कि हमारी ताकत कम हो रही है.सर्व सेवा संघ एक मिलापी संगठन बने., अलग-अलग संगठनों के साथ नेटवर्क बने और सभी एक छत के नीचे आयें. देशभर के युवाओं का एक राष्ट्रीय सम्मेलन हो. मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिविर के लिए हमारा सस्नेह निमंत्रण है।
श्री अविनाश काकड़े ने कहा कि युवा सेल युवाओं को गांधी विचार से जोडने का एक लचीला माध्यम है। यह सख्त नियमों व कानूनों वाला युवा संगठन नहीं है। इस तरह की कोशिश भी इसके पीछे नहीं है। यह सहज विचारों की प्रक्रिया व प्रेम संबंध स्थापित करने की योजना है। विचार को आचरण में लाने के प्रशिक्षण के लिए शिविर एक अच्छी प्रयोगशाला की तरह होते हैं। युवाओं को शिविरों के बाद कार्यक्रम देना होगा। विचार के प्रकटीकरण के लिए रचनात्मक कार्यक्रम पर जोर देना होगा। हमारा विचार स्वतंत्र और खुला है। गांधी विचार व अन्य में क्या अंतर है, यह युवाओं को पता चलना चाहिए। राज्यों के शिविरों के साथ एक राष्ट्रीय शिविर सेवाग्राम में भी होना चाहिए।
श्री शेख हुसैन ने कहा कि युवाओं और महिलाओं का राष्ट्रीय शिविर भी होना चाहिए। समानधर्मी संगठनों के साथ अपना मजबूत रिश्ता होना चाहिए। सर्व सेवा संघ इन सबका बेस बने। हमारे बीच तीन प्रकार की समितियों का गठन हो l
1.दौरे करने वाली एक टीम
2.अभ्यासक्रम तैयार करने वाली एक टीम
3.समानधर्मी संगठनों के साथ संबंध बनाने वाली एक टीम
किसी नये युवा संगठन के निर्माण का अभीहमारा कोई उद्देश्य नहीं है ।
शुभा प्रेम ने कहा कि अबतक की चर्चा से मेरी सहमति है। कार्यक्रमों के साथ युवाओं को जोडना ठीक रहेगा। उत्तरप्रदेश में जो भी आयोजन होगा, उसकी जिम्मेदारी हम लेंगे।
अध्यक्ष श्री चंदन पाल ने कहा कि 100 से 150 युवाओं का एक शिविर हो। देशभर में गांधियन युवाओं का एक अच्छा नेटवर्क खड़ा होना चाहिए। आज़ादी के 75 साल वाला कार्यक्रम बनाना होगा। वरिष्ठ साथियों की पूरी मदत इस काम में लेनी होगी। देश के अन्य युवा संगठनों के साथ एनएसएस को भी जोड़ना होगा ।
श्री बजरंग सोनावड़े ने समारोप में चर्चा का सार स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि हमें अभी 3 महीनों के भीतर कुछ कार्यक्रम लेने होंगे।अभी देशभर में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, सितंबर के आखरी सप्ताह में 22 से 26 तक एक राष्ट्रीय शिविर हो। सेवाग्राम,वर्धा में यह आयोजन हो, वही आम राय बनी है। राज्यों के दौरे व राज्यों में शिविर भी इसी दरम्यान होने चाहिए।
कमज़ोर नेटवर्क की वजह से पंजाब से श्री अशोक भाई सेठिया व दो-एक अन्य साथियों की बातें ठीक से सुनायी नहीं पड़ीं, लेकिन वे इस चर्चा से सहमत हैं। अंत में श्री गौरांग भाई ने उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया और बैठक का समापन हुआ ।
ज़ूम मीटिंग में लिये गये निर्णय –
1. 20 से 24 सितंबर 2021 तक एक राष्ट्रीय शिविर का आयोजन हो।
2. राज्यों के प्रभारी युवाओं को राष्ट्रीय शिविर में लाया जाय।
3. राज्यों मे संपर्क व राज्य स्तरीय शिविरों का आयोजन हो। 4. युवाओं के लिए एक संगीति आयोजित हो।
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