News & Activities

अध्यक्ष की चिट्ठी

जौरा में 48 वां सर्वोदय समाज सम्मेलन क्यों रद्द करना पड़ा?

सर्वोदय समाज मूलतः महात्मा गांधी के आदर्श और विचारधारा को आगे बढ़ाने वाला एक वैचारिक प्लेटफार्म है। सर्वोदय समाज के नेतृत्व में हर एक-दो साल के अंतराल पर अखिल भारतीय सर्वोदय समाज सम्मेलन बुलाया जाता है। इस सम्मेलन की परंपरा रही है कि इसके उद्दघाटन व अध्यक्षता के लिए गांधी के आदर्श एवं कार्यों में विश्वास रखने वाले किसी विशेष व्यक्ति को बुलाया जाता है। यथासंभव दलीय राजनीति से प्रत्यक्ष जुड़े हुए लोगों को नहीं बुलाया जाता है। यदि कभी बुलाया भी गया, तो उस व्यक्ति की गांधी आदर्श पर निष्ठा के चलते बुलाया गया है।

इस बार जौरा सम्मेलन के लिए स्थानीय अयोजकों ने एक विशेष केन्द्रीय मंत्री को बुला लिया, जिनके दल की भावना गांधी जी के आदर्शों के विपरीत है। सर्व सेवा संघ ने देश में लंबे समय तक चले किसान आंदोलन को भरपूर समर्थन दिया था। इस आंदोलन में लगभग 700 किसान मारे गए। केंद्र सरकार में कृषि मंत्री होने के नाते उनकी भूमिका आंदोलन विरोधी रही है। इस हिसाब से सर्वोदय समाज सम्मेलन में उक्त मंत्री का उपस्थित होना उनके खुद के लिए और सर्वोदय समाज के लिए उपयुक्त और शोभनीय नहीं होता। इस परिप्रेक्ष्य में सर्व सेवा संघ की मानसिकता एवं भावनाओं से सर्वोदय समाज सम्मेलन के संयोजक पीवी राजगोपाल को अवगत करा दिया गया और किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति को टालने के उद्देश्य से 48 वें सर्वोदय समाज सम्मेलन को संयोजक से परामर्श करने के बाद रद्द कर देना ही उपयुक्त समझा गया।

हमें पता है कि इस निर्णय से लोकसेवकों, सर्वोदय मित्रों और व्यापक गांधीवादी जमात को दुख पहुंचा है, वे खिन्न हैं। परंतु कभी-कभी सांगठनिक लचीलेपन के साथ-साथ वैचारिक दृढ़ता के साथ भी खड़े होने की जरूरत होती है। यह निर्णय इसी दृढ़ता का परिचायक है। हमारे लिए तात्कालिक उपलब्धियों के बजाय दीर्घकालिक वैचारिक निष्ठा ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमारे विचलन से हमारे प्रति लोगों का भरोसा कमजोर होता है। अगर हम इस भरोसे को टिकाए रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें स्वयं में ही भरोसा पैदा करना होगा। हमारे पास गांधी, विनोबा और जयप्रकाश की विरासत है। इनके विचारों पर हम भरोसा रखेंगे तो हमारा मन कभी भी मलिन नहीं होगा। हम पिछले 2 वर्षों से विपरीत और विकट परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन पीछे नहीं हटे हैं। इसलिए अपने आदर्शों के प्रति निष्ठावान होकर हम पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, समय हमसे यही मांग कर रहा है। आप सभी लोगों को आपका मूल्यवान सहयोग और समर्थन देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

-चंदन पाल
अध्यक्ष; सर्व सेवा संघ

Sarvodaya Jagat

View Comments

  • पूर्ण सहमत.
    संगठन के सत्य , प्रेम, करूणा व भाईचारे के सिद्धांत को बचाये रखना बहुत ज़रूरी है.
    तात्कालिक लाभ से बचना-बचाना ज़रूरी है.
    सुज्ञान मोदी के प्रणाम स्वीकारें.
    लेखक :‘महात्मा के महात्मा ‘ और
    ‘गांधी जी के श्रीमद् ‘
    WhatsApp
    9868630175

Recent Posts

सर्वोदय जगत (16-31 अक्टूबर 2024)

Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat

2 months ago

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

2 months ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

2 years ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

2 years ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

2 years ago

This website uses cookies.