सभ्यताओं के सामने जो संघर्ष होते हैं, वे सभ्यता के संघर्ष नहीं होते. जब द्रविड़ और आर्य भारत में आकर…
हम लोगों को प्रभावित करें या न करें, गांधी साहित्य लोगों को अवश्य प्रभावित करेगा. ऐसा मेरा अपना मानना है.…
महत्वाकांक्षी हुए बिना भी स्वच्छ और प्रामाणिक जीवन जिया जा सकता है. महत्वाकांक्षा अपनेआप में एक हिंसक शब्द है. जिस…
स्वराज क्या है, इसे समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि स्वराज क्या नहीं है. स्वराज क्या है, इसे…
हम जो कुछ भी विकास के नाम पर करते हैं, उसका कोई न कोई सामाजिक मूल्य भी होता है. वह…
आज और कल के चक्र को समझना होगा. आज के सवालों के जवाब हमारे पास होने चाहिए, उनसे लड़ने की…
पूंजीवाद से उपजी आर्थिक असमानता का उपाय, जो गाँधी बता रहे हैं, वह ट्रस्टीशिप और अपरिग्रह है. हिंसा के विषय…
विनोबा कहते थे कि वे गांधी के कंधे पर बैठे हैं, इसलिए विनोबा और आगे तक देखते हैं. भूदान और…
अगर बुनियादी परिवर्तन के लिए काम करना हो, तो भारत के संविधान में ‘समाजवादी’ शब्द की जगह ‘सर्वोदय’ शब्द जोड़ने…
हम गांधी परिवार के लोग हैं, जो सामूहिकता से संधान में विश्वास रखते हैं. जब हम खुद से उठकर सबमें…
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