भवानी शंकर कुसुम द्वारा किये गये प्रयासों और उत्कृष्ट कार्यों के लिए 12 मई 2022 को यूएनसीसीडी कॉप-15 द्वारा आबिदजान, अफ्रीका में उन्हें आधिकारिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सम्मेलन में 158 देशों से स्वैच्छिक संगठनों तथा सरकारी विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ग्राम भारती समिति के सदस्य और अवाक्लिम परियोजना के राष्ट्रीय संयोजक धमेन्द्र नदीमेटला ने उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सामने भवानी शंकर कुसुम की व्यावसायिक प्रतिबद्धता तथा उनके जीवन कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद भवानी शंकर कुसुम ने अपने जीवन को एक चुनौती के रूप में लिया और उसे अवसर में बदल दिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ उनका जुड़ाव ऐतिहासिक रहा है। उत्थान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अविश्वसनीयता की हद तक थी।
सभा में एक लेखक और सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध प्रतिनिधि के रूप में उनके योगदान की सराहना की गयी। विशेष रूप से यूएनसीसीडी की मान्यता प्राप्त करने में 51 स्वैच्छिक संगठनों को मिले उनके मार्गदर्शन और परामर्श की अत्यधिक सराहना की गयी।
भारत में कॉप-14 के आयोजन में उनके अमूल्य योगदान के अलावा, जमीनी स्तर के संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने और नेटवर्क से संबंध बनाये रखने में उनके सहयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी। यूएनसीसीडी कॉप-15, आबिदजान में उपस्थित प्रतिभागियों ने उनके सम्मान में देर तक तालियां बजायीं।
सम्मेलन में उपस्थित सभी ने भवानी शंकर कुसुम को उनकी सेवाओं के लिए याद किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ग्राम भारती समिति की सचिव कुसुमलता जैन ने धर्मेन्द्र नदीमेटला के साथ आबिदजान में भारतीय स्वैच्छिक संगठनों का प्रतिनिधित्व किया।
-सर्वोदय जगत डेस्क
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