Categories: Uncategorized

भूदान डायरी; विनोबा विचार प्रवाह : देहात ही भारत के आधार हैं

देहात ही हमारे आधार हैं। वहां आज भी हमारी संस्कृति का दर्शन होता है। वही हमारी रीढ़ है, हमारी आत्मा है, हमारा असली रूप है, लेकिन इन्हीं देहातों की दौलत, बुद्धि, शक्ति सब बाहर जा रही है। इसे हम सबको मिलकर रोकना होगा। गांव वालों को खेती, गौसेवा, बढ़ईगीरी, कपड़ा बुनाई, तेलघानी आदि की मदद देनी होगी, तभी देहात पनपेंगे, हमारे देश की रक्षा हो सकेगी। देहात वाले ही देश की रक्षा कर सकते हैं।

   बाबा का मानना था कि हमारी जमात आज छोटी जरूर है, लेकिन कल को बढ़ने वाली है। क्योंकि दिन ब दिन विज्ञान की प्रगति होने वाली है। उनका कहना था कि दुनिया में अहिंसा को फैलाने का अद्भुत मौका है। जहां विज्ञान की प्रगति होती है, वहां सारा समाज एक बन जाता है और ऐसी एक शक्ति हाथ में आती है, जिसका तोड़ मात्र अहिंसा ही हो सकती है। आज हमारे सामने यह प्रश्न नहीं है कि आप हिंसा या अहिंसा में से किसे पसंद करते हैं, बल्कि आप अगर विज्ञान को पसंद करते हैं, तो आपको हिंसा छोड़नी ही होगी और अगर आप हिंसा पसंद करते हैं, तो आपको विज्ञान छोड़ना होगा। दोनों एक साथ नहीं चलेंगे। अगर हिंसा और विज्ञान ये दोनों बढ़ते हैं, तो दोनों मिलकर मानव-जाति का खात्मा करेंगे। बाबा कहते थे कि मैं तो विज्ञान को चाहता हूं, उसमें विश्वास रखता हूं, क्योंकि विज्ञान से ही मानव का जीवन प्रेममय हो सकता है। परस्पर सहकार हो सकता है, जीवन ज्ञानमय बन सकता है। उसके विचार का स्तर भी ऊंचा हो सकता है। इसलिए विज्ञान की प्रगति को हमें नहीं रोकना है। बल्कि उसको बढ़ाने से ही हिंसा को छोड़ने की प्रेरणा समाज में बढ़ेगी।

    अगर विज्ञान को पसंद करते हैं, तो आपको हिंसा छोड़नी ही होगी और अगर आप हिंसा पसंद करते हैं, तो आपको विज्ञान छोड़ना होगा। दोनों एक साथ नहीं चलेंगे। अगर हिंसा और विज्ञान ये दोनों बढ़ते हैं, तो दोनों मिलकर मानव-जाति का खात्मा करेंगे। 

देहात ही हमारे आधार हैं। वहां आज भी हमारी संस्कृति का दर्शन होता है। वही हमारी रीढ़ है, हमारी आत्मा है, हमारा असली रूप है, लेकिन इन्हीं देहातों की दौलत, बुद्धि, शक्ति सब बाहर जा रही है। इसे हम सबको मिलकर रोकना होगा। गांव वालों को खेती, गौसेवा, बढ़ईगीरी, कपड़ा बुनाई, तेलघानी आदि की मदद देनी होगी, तभी देहात पनपेंगे, हमारे देश की रक्षा हो सकेगी। देहात वाले ही देश की रक्षा कर सकते हैं।                                 

बाबा आज शिवरामपल्ली पहुंचने वाले थे, इसलिए उन्होंने कहा कि आज मेरी पैदल-यात्रा का आखिरी दिन है। रास्ते में अच्छे अनुभव आए। देहात के लोगों में उत्साह, उमंग और एक विशेष भावना देखी, जिससे मुझे लगा कि मेरा जाना जरूरी था. यात्रा के दौरान मेरा छोटे से छोटे गांव में भी जाना हुआ और लोगों के घर भी गया। गांव की भाषा तेलगू थी, मुझे उसका जितना ज्ञान था, उसका अच्छा उपयोग हुआ। प्रेम-भाव के विकास की दृष्टि से प्रार्थना में बाबा स्थितिप्रज्ञ के लक्षण तेलगू में बोलते थे, जिससे वे लक्षण सीधे उनके ह्रदय में प्रवेश कर रहे थे। उससे गांव वालों को ऐसा महसूस हो रहा था, मानो अपना ही कोई भाई बोल रहा है।

गांव वालों की हालत तो हमारी कल्पना से भी बदतर थी। खेती के अलावा कोई धंधा उनके हाथ में नहीं था। कुछ स्त्रियों को सूत कातते देखा। अपने कते सूत से बने कपड़ा पहनने वाले पुरुष दिखे। आवागमन के साधन कम दिखे। हालांकि सड़कें बन रही थीं। बाबा इन्हीं को गांव के लिए खतरा बताते थे, क्योंकि इन्हीं सड़कों से बाहर का माल गांवों में जोरों से बढ़ेगा और बाहर भी जाएगा। अबतक जो गांव में बचा था, वह भी जाने की तैयारी दिख रही है। कुछ गांवों में ज्ञान का प्रचार शूनयवत दिखा। कई गांव बिना रोशनी और स्कूल के थे। ऐसे अनेक गांव दिखे, जहां के लोग हमें बुला रहे हैं कि भाइयों, जिनके लिए देश ने स्वराज्य प्राप्त किया, उनकी सेवा के लिए फुरसत निकालिए और गांवों की ओर आकर अपना वादा निभाइए। ऐसी पुकार बाबा ने बार-बार सुनी। -रमेश भइया

Co Editor Sarvodaya Jagat

Share
Published by
Co Editor Sarvodaya Jagat

Recent Posts

सर्वोदय जगत (16-31 अक्टूबर 2024)

Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat

1 month ago

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

1 month ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

2 years ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

2 years ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

2 years ago

This website uses cookies.