गांधीजी का 152 वा जयंती अनोखी ढंग से बूढ़ी बिल ग्रामपंचायत में मनाया गया है। यह पंचायत कामाक्ष्या नगर तहसील और ढेंकानाल जिला ,ओडिशा में है। इस पंचायत का हर गtव में सुबह से गांधी का फोटो को सुंदर सी सजावट के साथ ग्रामीण संकीर्तन मंडली हजारों तादाद लोक के साथ गांव परिक्रमा कर रहे थे। गांव की हर तरह की लोगों ने इस परिक्रमा को अपना एक तोहार के रूप में मान रहे थे। यहां होली में कृष्ण जी को होली के साथ हर गांव को लिया जाता है और गांव के लोग पुजर्चना के साथ कन्हैया को स्वागत करते है। गांधी के जन्मदिन के गांव लोग ने होली जैसे नजरिया से मनाए ही थे। यह अविश्वसनीय और अद्भुत कार्यक्रम था।बच्चों से बूढ़ों तक हर उमर के लोग इस परिक्रमा में महात्मा गांधी की जय नारा के साथ गांव के गांव घूम रहा थे।
यह प्रभाव सिर्फ एक दिन का नहीं है , करीब 12 साल हुआ ऐसा गांधी का कार्यक्रम हो रहा है। कामाक्षा नगर तहसील के पास एक भव्य गांधी मंदिर बापू मंदिर ट्रस्ट तरफ से बनाया गया है। इस के पीछे तर्क यह है की गांधी का पुतला जहां तहां बिठाया दिया जाता है और उनको ठीक से ध्यान नहीं दिया जाता है,जब गांधी का जन्मदिन और ऐसे कुछ राष्ट्रीय पर्ब आता है तब गांधी याद आते है।कुछ गिने चुने लोक पुतले पर फूल देकर अपना कर्तव्य समाप्त कर देते है और इसके बाद यह पुतला साल भर अछूत पड़ा रहता है। इसलिए अगले पीढ़ी के जानकारी के लिए गांधी का मंदिर बनाया गया है।गांधी पुतला को दिन में दो बार सफाई के साथ प्रार्थना किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर के साथ एक लाइब्रेरी भी चलता है। इस में गांधी पुस्तक के साथ साथ गरीब बच्चों के लिए कालेज का पुस्तक भी उपलब्ध कराया जाता है ताकि गरीब बच्चो को उच्चतर शिक्षा में मदद मिल सके। जनवरी 26से 30तक गांधी मंदिर ट्रस्ट तरफ से एक गीता यज्ञ हर साल होता है । जिसमे गीता ज्ञान पर बोलने वालें को बुलाके गांधी =,विनोबा के साथ गीता का शिक्षण के बारे में प्रवचन होता है। गांव वालों को सहयोग से पांच दिन अन्नदान कार्य क्रम भी होता है।
यह सारे प्रकरण का प्रछद नायक है राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री श्री प्रफुल मलिक।उनके नानाजी एक संग्रामी और बड़े त्यागी , सज्जन आदमी थे। इस जमाने में राजनितिक व्यक्ति गांधी आदर्श का इतने प्यारा होंगे ,यह भी अपनी पारिवारिक प्रभाव ऐसे माना जाता है।
महात्मा गांधी के नाम पर 1000 एकड़ जमीन पर एक हरवाल गार्डन, इको टूरिज्म केंद्र, बच्चों के लिए बोटिंग और स्विमिंग आदि के साथ साथ गांधी पुस्तक का लाइब्रेरी,नेचुरोपैथी चिकत्सा केंद्र आदि ने एक सोसाइटी के द्वारा किया गया है जिसमे जिलाधिकारी अध्यक्ष और जिला जंगलाधिकारी संपादक रहे है। सर्व निम्न शुल्क के साथ यह व्यवस्था लोगों को उपलब्ध किया जाता है। गांधी के स्मृति में इतना काम मंत्री श्री मलिक ने गांधी भावना से प्रेरित हो कर किए है ,जिसमे प्रोजेक्ट तौर पर सरकार से एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है।दान और कॉर्पोरेट हाउस का विकाश फंड से यह सब बनाया गया है।
बूढ़ी बाली गांव ब्राह्मणी नदी के किनारे अवस्थित एक गांव है।गांव के बाहर एक महादेव का मंदिर है। गांधी का 152 वा जयंती यहां मनाया गया है। यह बैठक में सर्व सेवा संघ के महामंत्री श्री गौरांग चंद्र महापात्र अतिथि के रूप में योग दिए थे, इनके साथ ओडिशा के जाने माने लेखक श्री असित महांती, चिन्मय मिसन के अध्यक्ष स्वामी केशवानंद सरस्वती,राज्य सरकार का खान और बांध मंत्री श्री प्रफुल मलिक,बुधीबाली के सरपंच
श्रीमती रंजना साहू,बापू मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीयुक्त राय, पत्रकार श्री ज्ञान रंजन सामंत रॉय,विजय कुमार पंडा आदि अतिथि के रूप में गांधी को स्मरण किए है।
गौरांग चंद्र महापात्र, महामंत्री, सर्व सेवा संघ, वर्धा।
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