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सोने की थाली में केसरयुक्त दूध लेकर खड़ी थीं महारानी कश्मीर

गांधीजी की इस ऐतिहासिक यात्रा के आगामी अगस्त में 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस अवसर पर शांति, प्रेम…

2 years ago

पूंजीपतियों को गरीबों का शोषण करने की अनुमति नहीं देते गांधी

गांधीवाद केवल एक नैतिक आग्रह नहीं, अपितु एक अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र भी है. इसमें एक ओर वर्तमान आर्थिक जीवन की…

2 years ago

सा विद्या या विमुक्तये

विद्या मनुष्य के जीवन में विकास के द्वार खोलती है। एक सार्थक जीवन जीने का माध्यम बनती है। विद्या मनुष्य…

2 years ago

कब मिलेगी अंग्रेजियत से मुक्ति?

देश का कोई भी नागरिक अपनी मातृभाषा अथवा राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपनी फरियाद देश के सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत नहीं…

2 years ago

जो युद्ध, धर्म के नाम पर लड़े गये, वे धर्मयुद्ध नहीं थे!

मानव सभ्यता के पिछले 5000 वर्षों के इतिहास में महाभारत तथा राम-रावण के युद्ध ही धर्मयुद्ध थे और वे समाज…

2 years ago

भारत की एकता और एकता से समृद्धि

भारत की एकता और एकता से समृद्धि सम्बन्धी दृष्टिकोण व्यापक है. सिद्धान्त और व्यवहार दोनों में, यह दृष्टिकोण वैश्विक महत्त्व…

2 years ago

जब सत्य ‘मेरा’ बन जाता है, तब उसका नाम असत्य हो जाता है!

अहिंसा के विकास क्रम तथा विश्व की बहुमुखी परिस्थितियों में अहिंसक क्रांति और उसकी प्रक्रिया को समझने समझाने का प्रयास…

2 years ago

काल-प्रवाह में सर्वोदय के सूर्योदय की आहट

जिन्होंने लोकतंत्र के मंदिरों को महाभारत काल की द्यूत क्रीड़ा के आंगनों में बदल दिया हो, जो शकुनी कहलाने में…

2 years ago

सत्ता या समाज! शक्तिशाली कौन?

सत्ता इतिहास बन जाती है, पर लोक समाज अपनी शक्ति को हमेशा कायम रखता है। सत्तारूढ़ जमातें लोकसमाज से कभी…

2 years ago

आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष : तीन दृश्य

देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. यह आज़ादी के आंदोलन और उसके मूल्यों की जीत है.…

2 years ago

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