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आज के दौर में गांधी जी की पत्रकारिता के मायने

गांधी जी के लिए पत्रकारिता एक मिशन था, वे विज्ञापन करने में विश्वास नहीं रखते थे और जनता को अपने…

3 years ago

न्यू वर्ल्ड ऑर्डर और चौथी औद्योगिक क्रांति

आने वाला तंत्रज्ञान सिर्फ आर्थिक सवाल नहीं पैदा कर रहा है, वह पूरी संस्कृति, सभ्यता तथा कुटुम्ब व्यवस्था बदल रहा…

3 years ago

अगरबत्ती उद्योग पर ग्लोबलाइजेशन की मार

पहले जब यह उद्योग आयात और मशीन से बचा हुआ था, तो इसमें कॉटेज उद्योग के चरित्र थे, ह्यूमन इंटेंसिविटी…

3 years ago

जनतंत्र शब्द को अर्थ देने वाला सहज नाम बनी रहीं कनक

बोधगया आंदोलन में भूमिहीन दलित परिवारों में महिलाओं के बराबरी के सवाल हर घर में प्रवेश पाते चले गए तो…

3 years ago

राष्ट्र की आर्थिक संरचना में अर्थशास्त्री अम्बेडकर का योगदान

अंबेडकर की आर्थिक दूरदृष्टि का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एमएस स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश…

3 years ago

एक ब्रिटिश पीएम द्वारा चरखा चलाने का मतलब

साबरमती आश्रम की अपनी यात्रा के दौरान बापू के जीवन में गहरी दिलचस्पी लेने वाले ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने जब बापू…

3 years ago

भारतीय होने पर मुझे गर्व क्यों?

भारतीयों में सुसंस्कारों को कूट-कूटकर भरने, उन्हें सदाचारों से परिपूर्ण करने तथा इस महान देश के गौरव एवं सम्मान में…

3 years ago

जब लोग हक को भीख और भीख को हक समझने लगे

जन-वितरण प्रणाली, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, मुफ्त अनाज का अधिकार आदि से जो सफर शुरू हुआ था, वह आज सरकार एवं…

3 years ago

फोर्टिफायड चावल : मुनाफाखोरी का नया हथियार

बिजनेस की शब्दावली में इसे चावल की खुद्दी का वैल्यू एडीशन कहेंगे. लेकिन इसका लाभ उद्योग को मिल रहा है,…

3 years ago

एफडीआई का विकल्प एनडीआई

देश के मध्यवर्ग, कर्मचारी वर्ग और अन्य उच्च मध्यवर्ग या संपन्न लोगों के खातों में जमा राशि का आंकड़ा निकाला…

3 years ago

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