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गोसेवा के लिए गोशाला! गोरक्षा के लिए चर्मालय!!

गांधी जी ने गोसेवा और गोरक्षा का अंतर स्पष्ट करते हुए कहा था कि गोशाला से गोसेवा होगी और चर्मालय…

3 years ago

औद्योगिक पूंजीवाद बनाम गाय पशुश्रम आधारित अर्थव्यवस्था पर मानव जीवन का भविष्य

अगर इसी तरह दुनिया में मानव मूल्यों का ह्रास होता रहा, प्रकृति में असंतुलन पैदा होता रहा और वातावरण प्रदूषित…

3 years ago

फासिज्म को फौज पसंद है

शक हो, सवाल हो, किसी भी दशा में हों, दिलो दिमाग कुछ और कहता हो, लेकिन आपके पास नो सर,…

3 years ago

इस बार भी चुनावी विमर्श से गायब रहा प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा

प्रदूषण अभी तक आम लोगों का मुद्दा नहीं बन पाया है। अभी तक यह मुद्दा सिर्फ पढ़े-लिखे वर्ग का ही…

3 years ago

स्वराज्य से भी कठिन है गोरक्षा

गोरक्षा जैसा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रश्न राजनीति के भंवर में घिर गया है। आज स्थिति यह है कि गोरक्षा का…

3 years ago

गोपूजकों के देश में ‘समस्या’ क्यों बना गोवंश?

स्वातंत्र्योत्तर भारत की मजबूती गांव, कृषि और कुटीर उद्योगों को सुदृढ़ करने से ही हो सकती थी और आज भी…

3 years ago

गाय हिन्दुस्तान की रक्षा करने वाली है

मैं खुद गाय को पूजता हूं, यानी मान देता हूं। गाय तो हिन्दुस्तान की रक्षा करने वाली है, क्योंकि उसकी…

3 years ago

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति देशी चिकित्सा पद्धितियों की अधिक हिस्सेदारी की जरूरत

वर्तमान भारत में पारम्परिक स्थितियों के अलावा आर्थिक स्तर पर भी नये वर्गों का उदय हुआ है। दुर्योग यह है…

3 years ago

महामारी, जन-जीवन, राजनीति

कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया को स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक संकट की तरफ भी धकेला है। इसकी वजह से वैश्विक…

3 years ago

आईआईटी का नया कैलेंडर – किवाड़ बंद करने का नाम नहीं है भारतीयता

‘आईआईटी खडगपुर’ ने नववर्ष का कैलेण्डर जारी किया है। किसी उत्कृष्ट तकनीकी संस्थान से उम्मीद की जाती है कि वह…

3 years ago

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