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बुनकरों की दयनीय स्थिति

भारत में कुल वस्त्र उत्पादन का 15 प्रतिशत हैंडलूम सेक्टर में होता है। विश्व भर में हाथ से बुने कपड़े…

3 years ago

चरखे से रोज़गार, स्वास्थ्य और अध्यात्म की साधना

आज के जमाने में चरखे का अर्थशास्त्र क्या है? क्या चरखा योग, व्यायाम और अध्यात्म साधना का माध्यम भी हो…

3 years ago

खादी का अर्थशास्त्र : स्वराज का रोडमैप थी खादी

खादी सादगी, आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और अहिंसा की प्रतिनिधि थी। खादी भारत में गरीबों के लिए मोक्ष का प्रतीक थी।…

3 years ago

खादी : अस्तित्व का संकट और भविष्य की दिशा

कभी इस देश के गरीब से गरीब व्यक्ति का वस्त्र रही खादी आज आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को छोड़कर…

3 years ago

अ-सरकारी खादी ही असरकारी खादी हैे

समाज खादी को एक तरफ पवित्र वस्त्र के रूप में देखता है, तो उससे भी कहीं ज्यादा वह इसे स्वास्थ्य…

3 years ago

खादी कामगारों की मजदूरी मनरेगा से दी जाय

खादी की गुणवत्ता, उत्पादकता, खादी कार्य में लगे कामगारों की आमदनी आदि बढ़ाने के लिए काम तो हुए, किन्तु खादी…

3 years ago

गांधी-150 और आजादी-75 के संदर्भ में खादी – न खुदा ही मिला, न विसाले सनम

जो खादी कभी स्वावलंबन आधारित जीवन जीने के माध्यम के रूप में मिली थी, वह आंकड़ों के मकड़जाल में जकड़ती…

3 years ago

खादी उत्पादन पर जीएसटी का प्रभाव

खादी संस्थाओं को भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा गांधी जयन्ती के उपलक्ष्य में उत्पादन और बिक्री पर विशेष छूट…

3 years ago

सामाजिक सद्भाव के लिए सतत अभियान की जरूरत

इस दुखद और कलंकित करने वाली घटना के बाद अनेक संगठनों ने इसकी निंदा की है। कुछ सामाजिक संगठनों ने…

3 years ago

ग्लासगो सम्मेलन-2021 : दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशती मानवता

1918 में गांधी जी ने जो कहा, आज उसे दुनिया के पर्यावरणविद और कई सरकारें शुद्ध हवा, साफ पानी और…

3 years ago

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