भारत में कुल वस्त्र उत्पादन का 15 प्रतिशत हैंडलूम सेक्टर में होता है। विश्व भर में हाथ से बुने कपड़े…
आज के जमाने में चरखे का अर्थशास्त्र क्या है? क्या चरखा योग, व्यायाम और अध्यात्म साधना का माध्यम भी हो…
खादी सादगी, आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और अहिंसा की प्रतिनिधि थी। खादी भारत में गरीबों के लिए मोक्ष का प्रतीक थी।…
कभी इस देश के गरीब से गरीब व्यक्ति का वस्त्र रही खादी आज आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को छोड़कर…
समाज खादी को एक तरफ पवित्र वस्त्र के रूप में देखता है, तो उससे भी कहीं ज्यादा वह इसे स्वास्थ्य…
खादी की गुणवत्ता, उत्पादकता, खादी कार्य में लगे कामगारों की आमदनी आदि बढ़ाने के लिए काम तो हुए, किन्तु खादी…
जो खादी कभी स्वावलंबन आधारित जीवन जीने के माध्यम के रूप में मिली थी, वह आंकड़ों के मकड़जाल में जकड़ती…
खादी संस्थाओं को भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा गांधी जयन्ती के उपलक्ष्य में उत्पादन और बिक्री पर विशेष छूट…
इस दुखद और कलंकित करने वाली घटना के बाद अनेक संगठनों ने इसकी निंदा की है। कुछ सामाजिक संगठनों ने…
1918 में गांधी जी ने जो कहा, आज उसे दुनिया के पर्यावरणविद और कई सरकारें शुद्ध हवा, साफ पानी और…
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