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शब्दब्रह्म के साधक विनोबा

विनोबा रेखांकित करते हैं कि विज्ञान, सत्ता-संपत्ति और स्वार्थ के हाथों बिक गया है। गांव को स्वावलंबी बनाने के लिए…

2 years ago

विनोबा के साथ इतिहासकारों का अन्याय

पराग चोलकर का कहना है कि विनोबा ने गांधी के विचार और लक्ष्य को आगे बढ़ाया पर इतिहासकारों ने उनके…

2 years ago

संक्रामक विषाणु बन गयी है सोशल मीडिया ट्रोल आर्मी

सोशल मीडिया ट्रोलिंग कल्चर को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। विपक्ष को नेस्तनाबूत करने के उद्देश्य से लोकतान्त्रिक मूल्यों…

2 years ago

ईश्वर हमें और हमारे हृदय को हमसे बेहतर जानता है!

मेरे लिए ईश्वर सत्य और प्रेम है, ईश्वर सदाचार एवं नैतिकता है। ईश्वर निर्भयता है। ईश्वर प्रकाश और जीवन-स्रोत है…

2 years ago

वैश्विक मंदी का भारत पर क्या होने वाला है असर?

अमरीका की आर्थिक मंदी पूरे विश्व में, खासकर भारत जैसे विकासशील देश में आर्थिक मंदी को उत्प्रेरित करने वाली ताकत…

2 years ago

इलेक्टोरल बांड योजना अविलम्ब रद्द हो

इलेक्शन बांड स्कीम को तत्काल बंद करना अति आवश्यक है, क्योंकि अगर इसे तुरंत बंद नहीं किया गया तो देश…

2 years ago

जारी है नोटबंदी का कहर

नोटबंदी के छह साल बाद भी देश की अर्थव्यवस्था और आम आदमी की जेब पर नोटबंदी का कहर जारी है।…

2 years ago

गांधी की जय हम क्यों बोलें!

किसी व्यक्ति के जीवन की महत्ता और अर्थवत्ता पर ही उसके नाम पर लगने वाले नारों की गुणवत्ता निर्भर करती…

2 years ago

शान्ति: बीज से वृक्ष की ओर!

शान्ति ईश्वरीय वैभव है। सर्वकल्याणकारी मार्ग अथवा माध्यम है। ईश्वर अविभाज्य समग्रता रूप हैं। कुछ भी, कोई भी, उनकी परिधि…

2 years ago

बंटवारा कबूल न करते तो भारत के कई टुकड़े हो जाते – सरदार पटेल

आजादी के साथ-साथ भारत का बंटवारा एक ऐसा दर्द था, जो आज भी देशवासियों के मन में टीसता है। बंटवारा…

2 years ago

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