विनोबा रेखांकित करते हैं कि विज्ञान, सत्ता-संपत्ति और स्वार्थ के हाथों बिक गया है। गांव को स्वावलंबी बनाने के लिए…
पराग चोलकर का कहना है कि विनोबा ने गांधी के विचार और लक्ष्य को आगे बढ़ाया पर इतिहासकारों ने उनके…
सोशल मीडिया ट्रोलिंग कल्चर को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। विपक्ष को नेस्तनाबूत करने के उद्देश्य से लोकतान्त्रिक मूल्यों…
मेरे लिए ईश्वर सत्य और प्रेम है, ईश्वर सदाचार एवं नैतिकता है। ईश्वर निर्भयता है। ईश्वर प्रकाश और जीवन-स्रोत है…
अमरीका की आर्थिक मंदी पूरे विश्व में, खासकर भारत जैसे विकासशील देश में आर्थिक मंदी को उत्प्रेरित करने वाली ताकत…
इलेक्शन बांड स्कीम को तत्काल बंद करना अति आवश्यक है, क्योंकि अगर इसे तुरंत बंद नहीं किया गया तो देश…
नोटबंदी के छह साल बाद भी देश की अर्थव्यवस्था और आम आदमी की जेब पर नोटबंदी का कहर जारी है।…
किसी व्यक्ति के जीवन की महत्ता और अर्थवत्ता पर ही उसके नाम पर लगने वाले नारों की गुणवत्ता निर्भर करती…
शान्ति ईश्वरीय वैभव है। सर्वकल्याणकारी मार्ग अथवा माध्यम है। ईश्वर अविभाज्य समग्रता रूप हैं। कुछ भी, कोई भी, उनकी परिधि…
आजादी के साथ-साथ भारत का बंटवारा एक ऐसा दर्द था, जो आज भी देशवासियों के मन में टीसता है। बंटवारा…
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