तुषार गांधी नीतीश कुमार
तुषार गांधी लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान द्वारा चम्पारण के श्रमभारती, खादीग्राम में साम्प्रदायिक सत्ता विरोधी समागम में शामिल होने आये थे। इस अवसर पर उन्होंने बापू की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया। बापू की प्रतिमा के साथ बापू के तीन बंदर भी स्थापित किये गये, जो बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो का संदेश देते हैं। प्रतिमा अनावरण के मौके पर तुषार गांधी के साथ बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास, कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान, जेएनयू के प्रोफेसर आनंद कुमार, कांग्रेस नेता आईपी गुप्ता आदि उपस्थित थे। इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगों द्वारा पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर मेहमानों का स्वागत किया गया। यह घोषणा भी की गयी कि भविष्य में श्रमभारती परिसर में आचार्य राममूर्ति और धीरेन्द्र मजूमदार की प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी। बताते चलें कि सर्व सेवा संघ के पहले अध्यक्ष धीरेन्द्र मजूमदार ने 1952 में बिहार के जमुई जिले के 118 एकड़ में फैले इस पहाड़ी इलाके में श्रमभारती, खादीग्राम की स्थापना की थी. भारत में शरीर श्रम की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना की दृष्टि से स्थापित श्रमभारती की यह कोशिश रही है कि शरीर श्रम और बुद्धि का जो विच्छेद हुआ है, उससे पैदा हुए असंतुलन को थामा जा सके. बाद में रचनात्मक प्रयोग की इस भूमि पर कृषि विज्ञान केंद्र की शुरूआत भी की गयी. उल्लेखनीय है की 118 एकड़ की पथरीली पहाड़ी जमीन को धीरेन्द्र मजुमदार और उनके साथियों ने अपने श्रम से हरा भरा बनाया था.
तुषार गांधी ने सर्वोदय जगत पत्रिका के पिछले अंक एवं गांधीजी की आत्मकथा का भी विमोचन किया। बापू की प्रतिमा स्थापित करने में एसडीएम मदनमोहन वर्मा व चित्रा वर्मा ने अपना योगदान दिया है। उनकी पहल और प्रेरणा से स्थापित होने वाली गांधी जी की यह नौवीं प्रतिमा है. तुषार गांधी ने प्रतिमा स्थल को तैयार वाले कारीगरों और मजदूरों को भी बापू की आत्मकथा भेंट की। उन्होंने कहा कि बापू ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलायी। उनके सिद्धांतों को आज पूरी दुनिया मानती है, लेकिन उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि खादीग्राम में बापू द्वारा चलायी गयी संस्था आज अपनी पहचान खोती जा रही है। इस संस्था को अगर पुनर्जीवित करना है तो यहां की महिलाओं को आगे आना होगा, जब तक महिलाएं इस संस्था की मालकिन नहीं बन जातीं, तब तक यह संस्था जीवित नहीं हो सकती।
वर्तमान राजनीति पर चर्चा करते हुए तुषार गांधी ने कहा कि आज गरीबी दूर करने के प्रयास नहीं हो रहे हैं, गरीबी को परदे की ओट में छुपाया जा रहा है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं. भारत का लोकतंत्र जनता की व्यवस्था है. हमारे संविधान के मुताबिक हमारा लोकतंत्र जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है. आज के हालात देखकर कहना पड़ता है कि यह मुल्क तब खड़ा होगा, जब गरीबों द्वारा, गरीबों के लिए, गरीबों का शासन होगा.
तुषार गाँधी ने आगे कहा कि आज़ादी मिलने के 75 साल बाद आज भारत में लोगों के साथ नफरत की राजनीति की जा रही है। सभी के दिलों में नफरत भरी जा रही है। नफरत और हिंसा की राजनीति विखंडन को आमंत्रित करने वाली राजनीति है. राजनीति जब इस धुरी पर चलने लगती है, तो विध्वंस का कारण बनती है, जबकि बापू का पैगाम तो मुहब्बत है. बापू ने जो प्रेम की बात की थी, उसे सब भूल गये, इसलिए नफरत की राजनीति होती दिख रही है। देश की जनता ही सरकार का विकल्प है। वही तय करेगी कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा। केवल नीतीश कुमार, राहुल गांधी, ममता बनर्जी या कोई अन्य नेता इस देश का विकल्प नहीं हो सकता। आज के भारत में अगर बापू दोबारा आ जायें, तो वे इस देश को नहीं पहचान पायेंगे। बापू ने इस देश के लिए जो सपना देखा था, अब यह देश वैसा बिल्कुल भी नहीं रहा। 1947 में भारत गांधी का देश था. आज उसे गोडसे का देश बनाने के प्रयास चल रहे हैं. यह देश सत्य, प्रेम और करुणा के मूल्यों का देश है. इसे गोडसे का देश नहीं बनाया जा सकता. जो ताकतें इस कुत्सित प्रयास में लगी हुई हैं, वे देश का नुकसान कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि बापू के सत्याग्रह में चंपारण का महत्त्वपूर्ण योगदान है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। ये दोनों एक दूसरे से इतना जुड़े हुए हैं कि जब-जब चंपारण का नाम लिया जाएगा, तब-तब असहयोग और सत्याग्रह का नाम आएगा और तब तब सत्याग्रह का संकल्प मजबूत होगा. 2017 में मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा था कि इस देश के लोग चंपारण को जान सकें, इसे लेकर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए मैंने सुझाव दिया था कि चंपारण जिले के नाम के साथ सत्याग्रह जोड़ देने से यह अटूट बंधन अमर हो जायेगा. नीतीश ने इसका वादा भी किया था. इतना ही नहीं, चीफ सेक्रेटरी को इस दिशा में काम करने का निर्देश भी दिया था, पर बाद में अपना एलायंस बदलकर वे बीजेपी के साथ चले गये और यह वायदा भूल गये। तुषार गांधी ने कहा कि नीतीश कुमार को अपना वायदा याद करना चाहिए और चम्पारण के नाम में सत्याग्रह शब्द जोड़ने का काम पूरा करना चाहिए.
समागम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर आनन्द कुमार ने कहा कि आज देश की जो स्थिति है, उसमें मुसलमानों में कुंठा, हिन्दुओं में गुरूर और राजनीति में गुंडों का दखल बढ़ा है। अगर वास्तव में राष्ट्र निर्माण करना है तो नफरत और हिंसा से भरी साम्प्रदायिक राजनीति को नकारना पड़ेगा। भारत हमेशा से उदारवादी मूल्यों का हिमायती रहा है, हम देख सकते हैं कि मुसलमानों में कोई अपने बच्चे का नाम औरंगजेब और हिन्दुओं में कोई अपने बच्चे का नाम नाथूराम नहीं रखता। आज जो असुरक्षा बोध और शिक्षा तथा रोज़गार का संकट पैदा हुआ है, आज की राजनीति को इन मुद्दों पर खींच लाने की जरूरत है। देश की चुनाव प्रणाली विद्रूप होती जा रही है। ऐसे में सही प्रतिनिधि भला कैसे चुने जायेंगे? हमारे विचारों में सफाई की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि देश के सभी जनतांत्रिक प्रयासों को करीब लाने के लिए लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान को अपना योगदान देना होगा। लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान ने इस अवसर पर घोषणा की कि आगामी 26 नवंबर को संविधान दिवस पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। सभी जनतंत्र प्रेमी शक्तियों से इस दिन को संवैधानिक मूल्यों के प्रतीक दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया गया.
समागम में श्रमभारती के अध्यक्ष शुभमूर्ति, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविन्द कुशवाहा, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर मदन मोहन वर्मा, चित्रा वर्मा, राम शरण, कल्पना शास्त्री, सुरेश खैरनार, गिरिजा सतीश, अरविन्द अंजुम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। समागम का संचालन रूपेश ने किया। समागम में देश भर से लगभग डेढ़ सौ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
-सर्वोदय जगत डेस्क
Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat
इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…
पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…
जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…
साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…
कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…
This website uses cookies.