News & Activities

जरूरी दवाओं के मूल्य में हुई 11 प्रतिशत वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग

आवश्यक दवाओं के मूल्य में भारी वृद्धि पर स्वास्थ्य का अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर विरोध दर्ज कराते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के  माध्यम से प्रधान मंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया और मूल्य वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग की.

अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि विगत दिनों राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दर्द निवारकों तथा विभिन्न संक्रमणों एवं हृदय, किडनी, अस्थमा, टीबी , संक्रमण, त्वचा, एनीमिया, डायबिटीज, रक्त चाप,  एलर्जी, विषरोधी, खून पतला करने की दवा, कुष्ठ रोग, माइग्रेन, पार्किंसन, डिमेंशिया, साइकोथेरैपी, हार्मोन, उदर रोग आदि से सम्बन्धित लगभग 800 आवश्यक दवाओं के मूल्य को नए वित्तीय वर्ष में लगभग 11 प्रतिशत बढाने की संस्तुति दी है, जिसके बाद आज से दवाओं के दाम बढ़ेंगे. इस भारी वृद्धि से देश के आम आदमी पर बड़ा बोझ पड़ेगा. विगत दो तीन वर्षों से व्याप्त कोरोना संक्रमण के संकट, बेतहाशा बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी के दौर में आवश्यक दवाओं के मूल्य में वृद्धि किया जाना अमानवीय और अव्यावहारिक है. इससे आम जनता बुरी तरह प्रभावित होगी. डीजल, पेट्रोल, गैस आदि के मूल्य में वृद्धि का असर लगभग सभी वस्तुओं पर पड़ रहा है. ऐसे में दवाओं के मूल्य में बढ़ोत्तरी होना काफी कष्टकारक होगा. वरिष्ठ नागरिकों पर भी  इस वृद्धि से काफी प्रभाव पड़ेगा.

वक्ताओं ने बताया कि पूर्व के वर्षों में इन दवाओं के मूल्य में वार्षिक वृद्धि की दर एक से दो प्रतिशत ही हुआ करती थी. उदाहरण के लिए वर्ष  2019 में दवाओं की कीमतों में दो प्रतिशत और इसके बाद साल 2020 में मात्र 0.5 प्रतिशत की वृद्धि ही की गयी थी, किन्तु इस बार एक साथ 11 प्रतिशत  दाम बढाना घोर निंदनीय है.

वक्ताओं ने आगे कहा कि जिन दवाओं के दाम में इजाफा होने वाला है, उनमें सबसे आम उपयोग में लाई जाने वाली पैरासिटामोल के अलावा एजिथ्रोमाइसिन, मेट्रोनिडाजोल, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड, फेनोबार्बिटोने जैसी दवाएं शामिल हैं. साथ ही  कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों के अलावा कई विटामिन, खून बढ़ाने वाली दवाएं, मिनरल, एंजाइम आदि को भी इसमें रखा गया है, इस प्रकार देश में प्रयोग होने वाली कुल दवाओं के लगभग 16 फीसदी पर इस मूल्य वृद्धि का सीधा असर पड़ेगा, जो आम आदमी को बुरी तरह प्रभावित करेगा.

स्वास्थ्य के अधिकार का कानून बनाने, स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता, सुलभ और बेहतर बनाने, स्वास्थ्य का बजट बढ़ाने, हर गांव में एम्बुलेंस सेवा आदि की विभिन्न मांगों के पोस्टर के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे इन  सामाजिक कार्यकर्ताओं का ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने स्वीकार किया और उसे प्रधान मंत्री को प्रेषित करने का आश्वासन दिया. ज्ञापन में दवाओं की मूल्य वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग के साथ ही देश में स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने के लिए आवश्यक पहल उठाने की भी अपील की गयी.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से महेश कुमार, वल्लभाचार्य पाण्डेय, नंदलाल मास्टर, फादर आनंद, रामजनम, सूरज पाण्डेय, दीपक पुजारी, नीलम पटेल, मिथलेश दूबे, विनय कुमार सिंह, धनंजय त्रिपाठी, दीन दयाल सिंह, इन्दु पाण्डेय, विशाल त्रिवेदी, मैत्री, नीति, अशोक सिंह, ममता यादव  इत्यादि शामिल हुए।

-वल्लभाचार्य पाण्डेय

 

 

Co Editor Sarvodaya Jagat

Recent Posts

सर्वोदय जगत (16-31 अक्टूबर 2024)

Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat

1 month ago

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

1 month ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

2 years ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

2 years ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

2 years ago

This website uses cookies.