अपने आशियाने उजड़ने की आशंका से दहशत के साए में जी रहे बनभूलपुरा के लोगों ने 8 जनवरी को धंसते जोशीमठ शहर के चलते अपने घरों से बेदखल होने वाले लोगों की मुकम्मल मदद की मांग को लेकर कैंडल मार्च का आयोजन किया। बनभूलपुरा के लोगों ने संकट की इस घड़ी में जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े होकर उस भगवा ब्रिगेड के मुंह पर तमाचा मारा है, जो तीन दिन पहले तक बनभूलपुरा को उजाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर जहरीला कैंपेन चला रही थी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के जनपद चमोली के जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा से हज़ारों लोग प्रभावित हैं, जिसमें प्रभावितों एवं जोशीमठ को बचाने के लिए लोग लंबे समय से आंदोलन चला रहे हैं। इसके अलावा जोशीमठ एवं उसके प्रभावितों के लिए जगह-जगह प्रार्थना की जा रही है। इस क्रम में बनभूलपुरा के वे लोग भी सड़कों पर उतरे, जिनके सिर पर अभी कुछ दिन पहले तक अपना आशियाना उजड़ने की तलवार लटक रही थी। बनभूलपुरा के लोगों को उजाड़ने की जो कवायद चल रही थी, उसे फिलहाल देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था सर्वोच्च न्यायालय ने रोक दिया है।
बनभूलपुरा के निवासियों ने अपने ही जैसी घर उजड़ने की परिस्थिति से गुजरने वाले जोशीमठ के लोगों के दर्द को अपने दर्द के साथ महसूस करते हुए कैंडल मार्च निकालकर उनके साथ हमदर्दी का इजहार किया। जोशीमठ के प्रभावितों की मदद और उनके पुनर्वास की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकालते हुए इस इलाके के तमाम लोग ताज चौराहे पर एकत्रित हुए, जहां इन लोगों ने कहा कि सरकार को मानवीय पक्ष को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द उचित कदम उठाना चाहिए। इस कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं, पुरुषों, युवाओं ने बच्चों ने हिस्सेदारी की।
सभा में जावेद सिद्दीकी ने कहा कि जोशीमठ की जनता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस दुख की घड़ी में बनभूलपुरा के साथ ही पूरी हल्द्वानी की जनता जोशीमठ के साथ है। जोशीमठ के लोग इस संकट के वक्त अपने को अकेला न समझें। व्यक्ति के तौर पर हम जो मदद कर सकने में सक्षम होंगे, उससे पीछे नहीं हटेंगे। कैंडिल मार्च में सपा नेता जावेद सिद्दीकी, अरशद अय्यूब, इस्लाम मिकरानी, जिक्रे इलाही, अनस सिद्दीकी, अज़हर मलिक, रेहान मलिक, वकार सिद्दीकी, कम्मो रानी, जाहिरा बेगम, उमैर मतीन, इरफान मिकरानी, फरीद अहमद, रूखसाना, अकबरी बेगम, अलीम अंसारी, रेहान कुरैशी, अरशद, आरिश अली के साथ अनेक महिलाएं मौजूद रहीं।
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