18 अगस्त को ‘कश्मीर का वर्तमान’ विषय पर श्री ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान एवं बिहार सर्वोदय मंडल के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रतिष्ठान के पटना स्थित सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रसेवा दल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश खैरनार थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रसेवा दल के प्रांतीय अध्यक्ष उदय एवं संचालन विनोद कुमार रंजन ने किया।
विषय प्रवेश बिहार संयोदय मंडल के संयोजक शाहिद कमाल ने कराया। मुख्य वक्ता डॉ. सुरेश खैरनार ने कहा कि ‘कश्मीर की समस्या आजादी के वक्त से ही बनी हुई है, जिसे बढ़ाने में सभी सरकारों की भूमिका रही है। कश्मीर की समस्या को जानबूझ कर सांप्रदायिक बनाया जाता है, ताकि ध्रुवीकरण हो। सच्चाई यह है कश्मीर समस्या, कश्मीरी अस्मिता और कश्मीरियत की समस्या है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न खड़े किये। उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोग मेहमान नवाजी पसंद लोग हैं। कश्मीर के आतंकवाद में मुसलमान ज्यादा संख्या में मारे गये। कश्मीर के आतंकवाद में कश्मीरी नहीं, पाकिस्तानी शामिल हैं। अपना अध्यक्षीय मंतव्य रखते हुए उदय ने कहा कि बंदूक के बल पर साम्राज्य ही बनते हैं, राष्ट्र नहीं. राष्ट्र साझेदारी, समझदारी और प्रेम से बनता है। दुनिया में कश्मीर, तालिबान और फिलीस्तीन जैसे 40 से ज्यादा ऐसे भूखंड हैं, जो विवादित हैं। राज्यों का बनना और एक होना इतिहास में चलता रहता है। जर्मनी के दो हिस्से जहां एक हो गये, वहीं रूस के कई टुकड़े हो गये।
विनोद रंजन ने कश्मीर की समस्या को जटिल बताया और कहा कि इस समस्या को दूर करने में सरकार और कश्मीरियों को मिलकर काम करने होंगे। इस मौके पर सत्यनारायण मदन ने अपनी बात रखते हुए समाज और राष्ट्र के लोकतांत्रिकीकरण की चर्चा की। इस मौके पर सफदर इमाम कादरी, प्रो. प्रकाश, कारू, प्रदीप प्रियदर्शी, डॉ. शरद कुमार और डॉ. अबीबुल्ला अंसारी ने भी अपनी बातें रखी। इस आयोजन में पुष्पराज, डॉ. बी. एन; विश्वकर्मा, प्रत्यूष, अरूण शार्दूल, अमित कुमार, सुरूचि, सिन्हा, इंदिरा रमण उपाणध्याय आदि सहित कई लोगों ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठान के सभी कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
-विनोद कुमार रंजन
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