नगर थाना, मोतीहारी से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित चरखा पार्क में स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा 12 फरवरी की रात तोड़ दी गयी. अगले दिन सुबह खबर फैलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी आनन फानन में मौके पर पहुंचे. डीएम एसके अशोक ने प्रतिमा तोड़ने वालों को अविलम्ब चिह्नित कर कठोर कार्यवाही करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने 15 दिन के अंदर उसी स्थान पर दूसरी प्रतिमा स्थापित करने और पार्क की चारदीवारी 7 फुट और ऊंची करने का निर्देश भी दिया. डीएम ने पार्क में प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी और सुरक्षा के इंतजाम मजबूत करने के आदेश भी दिए. एसपी डॉ कुमार आशीष का कहना है कि पार्क की सुरक्षा के लिए होमगार्ड्स की तैनाती की जायेगी.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की रविवार की शाम नशे में धुत्त एक आदमी बापू की प्रतिमा पर वार कर रहा था. आसपास के दुकानदारों ने जब वहाँ पहुंचकर उसका विरोध किया तो वह आदमी उनसे उलझ गया. फिर जब वह पार्क से बाहर निकल गया, तो दुकानदार भी वापस लौट गये. अगले दिन सुबह देखा तो प्रतिमा वहाँ खंड खंड बिखरी पड़ी थी. जब पुलिस चरखा पार्क पहुंची तो चारों तरफ शराब के खाली पैकेट फेंके हुए मिले. पुलिस वालों ने अफसरों के पहुंचने से पहले ही यह कचरा हटा दिया. मुहल्ले वालों ने बताया कि इस पार्क में शाम होते ही नशेड़ियों का जमावड़ा होने लगता है. गौरतलब है कि बिहार में शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन विडम्बना है कि इस पार्क में अब छोटे छोटे बच्चे भी शराब के अलावा अन्य नशों का भी सेवन करते पाए जाते हैं.
बापू की प्रतिमा तोड़े जाने से आक्रोशित लोगों ने समाजसेवी रंजीत गिरी के नेतृत्व में सैकड़ों गांधीजनों के साथ अपने सामूहिक रोष का प्रदर्शन किया. लोगों ने कहा कि हम चम्पारण के लोग बापू की आत्मा से क्षमा मांगते हैं. आज़ादी से 30 साल पहले चम्पारण की जमीन बापू की उपस्थिति से धन्य हुई थी. माले ने एक जिलास्तरीय जांच दल का गठन किया है. इस कमेटी के सदस्यों ने चरखा पार्क में प्रतिमास्थल का अवलोकन किया. माले के नगर सचिव विष्णु देव प्रसाद यादव ने जिला प्रशासन से मांग की कि बापू की आदमकद प्रतिमा की अविलम्ब स्थापना की जाय. खबर है कि 14 फरवरी की रात पुलिस ने प्रतिमा तोड़ने वाले को गिरफ्तार कर लिया है. राजकुमार मिश्र नाम के इस आदमी से पुलिस पूछताछ कर रही है.
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The idiotic friends who exhibit their opposition to Gandhi by breaking his statue should realise that Gandhi is not a statue. Our nation, unfortunately , is 0steadily moving from man to statue. Any number of statues will not make a man. Statues are only dead material, lifeless and static.
Let us keep our Mahatmaji vibrant in our hearts and talk with him non-stop. Let us carry his inimitable messages to the LAST MAN, for whom Gandhiji lived, worked and died.