छात्र युवा संघर्ष वाहिनी वा गंगा मुक्ति आंदोलन के नेता कुमार सुरेश का दिनांक 23 मार्च 2022 को लम्बी बीमारी के उपरांत अपने घर तेघरा, बेगूसराय में निधन हो गया.
लगभग पैंतीस साल पुरानी बात है, कुमार सुरेश पटना के गांधी स्मारक निधि में रहते थे. बीच बीच में बेगूसराय के तेघरा स्थित अपने घर भी चले जाते थे. सन चौहत्तर के आंदोलन ने उनमें बदलाव का ऐसा नशा भर दिया था कि किसी न किसी तरह वे अपने को आंदोलनों से जोड़े ही रखते थे.
पद, पैसा, प्रसिद्धि किसी चीज की लालसा उन्हें कभी नहीं रही. लोग बताते थे कि वे तेघरा के संपन्न व्यापारी परिवार से थे. वर्ग, जाति और मजहब का त्याग उन्होंने बहुत पहले ही कर दिया था और इसका उन्हें कोई अहंकार भी नहीं था.
वे आजीवन अविवाहित रहे. कटिहार के साथी अरुण कुमार और कुमार सुरेश अनन्य साथी थे. कुछ साल हुए अरुण चले गए और अब सुरेश भी. जीवन में बहुत यात्रा के बाद भी कई बार हम खुद को कहीं न कहीं ठहरा हुआ महसूस करते हैं.
कुमार सुरेश के तमाम संगी साथी आज खुद को गांधी स्मारक निधि की कदमकुआं वाली गली में ठहरा हुआ महसूस कर रहे हैं. साथी कुमार सुरेश को हार्दिक श्रद्धांजलि.
Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat
इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…
पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…
जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…
साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…
कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…
This website uses cookies.