नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के ख़िलाफ़ पिछले 28 सालों से चलाई जा रही मुहिम के तहत गत 22 और 23 मार्च को केन्द्रीय जन संघर्ष समिति के तत्वावधान में लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत टुटुआपानी गांव में विरोध एवं संकल्प दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तकरीबन 10 हज़ार से ज्यादा आदिवासियों व स्थानीय ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी निभाई. इस आंदोलनात्मक कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, जिन्होंने दोनों दिन अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराते हुए इस आन्दोलन को पूरी तरह वाजिब ठहराया और कहा कि जल, जंगल और ज़मीन पर वहां के लोगों का संवैधानिक अधिकार है और इसे कोई नहीं छीन सकता है. उन्होंने सरकार से इस बड़े विस्थापन को रोकने के लिए रचनात्मक पहल की अपील की.
विधायक ने विधान सभा में उठाया मामला
कार्यक्रम में उपस्थित बगोदर के विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सदियों से झारखण्ड में लोगों की ज़मीन हथियाने का कुचक्र चल रहा है और हमेशा भूमाफियों की बुरी नज़र आदिवासियों की ज़मीनों पर रही है. उन्होंने कहा कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के ख़िलाफ़ शुरू से ही ग्रामीण आन्दोलन कर रहे हैं. इस दौरान कई लोगों ने अपने वजूद के लिए शहादतें दी हैं और यहां की माताओं व बहनों की आबरू पर हमले हुए हैं, जबकि यह आन्दोलन सदा ही अहिंसक और संविधान के दायरे में रहकर चलाया जाता रहा है. उन्होंने 23 मार्च को यह मामला झारखण्ड विधानसभा में उठाते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को रद्द करने की मांग की. विधायक विनोद सिंह ने कहा कि आगामी 11 मई को इसकी अधिसूचना की मियाद ख़त्म हो रही है, अतः इसे और आगे न बढ़ाते हुए यहीं निरस्त किया जाय और आदिवासियों को शान्ति से जीने दिया जाय.
न्याय मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
इस दो दिनी कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता दयामनी बारला ने ग्रामीणों से न्याय मिलने तक संघर्ष को जारी रखने की अपील की और सरकार से इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि आदिवासी अब और अन्याय नहीं सहेंगे. क्रांति की यह मशाल अब नहीं बुझेगी, क्योंकि लोग जाग गए हैं.
इस विराट जन समावेश में सबसे पहले समिति के सचिव जेरोम जेरॉल्ड कुजूर ने कार्यक्रम में आए तमाम लोगों का स्वागत करते हुए इस लम्बे आन्दोलन के इतिहास और वर्तमान चुनौतियों पर विस्तार से रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि इस लम्बे समय में यहां के लोगों ने जो कुर्बानियां दी हैं, उन्हें हम निष्फल नहीं होने देंगे.
केन्द्रीय जन संघर्ष समिति द्वारा आयोजित इस दो दिनी जन समावेश में लातेहार और गुमला जिलों के अलावा झारखण्ड के कई जिलों व देश के विभिन्न हिस्सों से भी बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के ख़िलाफ़ चल रही मुहिम में ऊर्जा भर दी.
कार्यक्रम में वरिष्ठ फिल्म मेकर श्रीप्रकाश, मेघनाद, रतन तिर्की, सामाजिक कार्यकर्ता वासवी, मंथन, रोज़ खाखा, पलासिदियुस टोप्पो, ज्योति भेंगरा, कोर्दुला कुजूर, बीजू टोप्पो समेत दर्जनों सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों में जोश भरने का काम किया.
दूसरे दिन भी कई सत्रों में कार्यक्रम चला. इस दौरान जन संघर्ष समिति की विभिन्न प्रखंडों की इकाइयों ने अपनी बातें रखीं. दोनों ही दिन कायदे से वहां महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और बुजुर्गों ने नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाले. अंत में इस संकल्प के साथ, कि किसी भी हाल में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को स्थापित नहीं करने दिया जाएगा, इस कार्यक्रम का सफल समापन हुआ.इस आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता यह दिखी कि दूर-दूर से ग्रामीण अपने लिए खाने की पूरी व्यवस्था लेकर आए थे.- सर्वोदय जगत डेस्क
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