News & Activities

पैसे का खेल बन गया है लोकतंत्र – प्रशांत भूषण

संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रनिर्माण समागम का दो दिवसीय आयोजन प्रारम्भ

राष्ट्रीय समागम को संबोधित करते सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक योद्धा प्रशांत भूषण

13 अगस्त, वाराणसी।

न्यायपालिका की हालत यह है कि वह मानवाधिकारों की रक्षा करने के बजाय, खुद मानवाधिकारों का हनन करने में लगी हुई है. हिमांशु कुमार और तीस्ता सीतलवाड़ के उदाहरण हमारे सामने हैं. कुल मिलाकर इस देश में अपसंस्कृति की एक संस्कृति खड़ी की जा रही है और देश को अंधकार में ले जाया जा रहा है. लोकतंत्र को पैसे का खेल बना दिया गया है. आज जबकि देश में ज्यूडिशियल, इलेक्टोरल, एजूकेशनल और इंस्टिट्यूशनल रिफॉर्म्स की जरूरत है, सोशल मीडिया पर ट्रोल आर्मी खड़ी की जा रही है. इस ट्रोल आर्मी के सामने ट्रुथ आर्मी खड़ी करना समय की जरूरत और हमारी जिम्मेदारी है. देश के इन हालात से जूझने के लिए आन्दोलन खड़े करने की जरूरत है. आज जिस मुद्दे पर देश के अधिकाधिक लोग जुड़ सकते हैं, वह है बेरोज़गारी. चार बिन्दुओं पर काम किये जाने की जरूरत है.

राष्ट्रीय समागम में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन देते प्रो. आनन्द कुमार

1- रोजगार के कानूनी अधिकार की मांग होनी चाहिए.

2- देश में सभी सरकारी रिक्तियों को 6 महीने के अंदर विश्वसनीय तरीके से भरने की मांग हो.

3- निजीकरण की प्रक्रिया तुरंत रोकने की मांग उठाने की जरूरत है तथा

4- ठेके पर नौकरियों की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए.

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक योद्धा प्रशांत भूषण ने आज़ादी की 75 वीं सालगिरह पर 13 अगस्त को सर्व सेवा संघ के राजघाट, वाराणसी स्थित परिसर में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण समागम में यह बात कही. उन्होंने समागम को संबोधित करते हुए कहा कि जेपी को जिन हालात में सम्पूर्ण क्रांति का आवाहन करना पड़ा था, आज देश के हालात उनसे कहीं अधिक बदतर हो चुके हैं. पिछले 8 सालों में देश को जिस रसातल में ले जाया गया है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था. एक तो इस देश में आरएसएस की साम्प्रदायिक और दकियानूसी विचारधारा का प्रसार हुआ है, दूसरे वर्तमान केन्द्रीय सरकार के दो प्रमुख चेहरे अपने एजेंडे को आरएसएस की मूल विचारधारा से भी आगे, और अधिक पतन की ओर ले गये हैं. इन्होने देश की न्यायपालिका, चुनाव आयोग, सीबीआई और ईडी जैसी संवैधानिक संस्थाओं को सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में अपने अधीन कर लिया है. विश्वविद्यालयों को तो पूरी तरह से आरएसएस के हवाले कर दिया गया है.

अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो आनन्द कुमार ने कहा कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में नागरिकों को गलती करने का हक भी है. देश में आजकल हिन्दू होने का नशा है. कुछ दशक पहले देश ने सिख होने का नशा भी देखा है. 1947/48 के दौर में इस देश ने मुसलमान होने के नशे का असर भुगता है. ऐसे वक्त में आज परिवर्तनकामी शक्तियों को एकत्र होते देखना सुखद है. देश ने पहले भी निरंकुश सत्ता की बरगदी जड़ों को उखाडकर फेंका है. आज तो हमारी लड़ाई ऐसे लोगों से है, जिनकी जड़ें बेहद कमजोर हैं. उत्तर प्रदेश और खासकर बनारस के लोगों की जिम्मेदारी बड़ी है, जिन्होंने बुलडोजर को अपसंस्कृति को गले लगाया है विश्वेश्वर की राजधानी काशी में हर हर महादेव की जगह हर हर मोदी का नारा कहने सुनने का गुनाह किया है. उन्होंने आगे कहा कि आज इस समागम से तीन सवालों के जवाब देश के लोगों को जरूर मिलने चाहिए. 1- देश बचाओ और भाजपा हराओ नारे का मतलब क्या है? 2- भाजपा को हटाना क्यों जरूरी है? और यह काम करने की रणनीति क्या होगी?

राष्ट्रीय समागम में सहभाग करते सामाजिक कार्यकर्ता

इसके पहले योगेश द्वारा गाये जागरण गीत के साथ समागम के उद्घाटन सत्र की शुरुआत हुई. देश के कोने-कोने से जुटे समाजवादियों और जेपी सेनानियों का वरिष्ठ समाजवादी विजय नारायण ने स्वागत किया. अरविन्द अंजे संकं में सम्पन्न हुए इस सत्र को सबसे पहले संबोधित करते हुए कुमार चन्द्र मार्डी ने कहा कि जिस तरह भूमि अधिग्रहण क़ानून-2013 को कमजोर करने के प्रयास में सरकार को हर बार असफल होना पड़ा, उसी तरह कार्पोरेट्स के साथ मिलकर आदिवासियों जमीनों पर प्रोजेक्ट्स शुरू करने के उनके अनेक प्रयास भी धराशायी हुए. आदिवासियों ने पूरी मजबूती के साथ सरकार की मंशा पूरी नहीं होने दी. इसी तरह पूरे देश को इकट्ठा होना होगा, वरना लोकतंत्र नहीं बचेगा.

झारखंड की किरन ने कहा कि वर्तमान सत्ता जनहित के विरोध में काम कर रही है. महिलाओं के साथ भेदभाव का खेल अभी जारी है. देश की विधानसभाओं और लोकसभा में आरक्षण के लिए महिलाएं आज भी इंतज़ार कर रही हैं. वयोवृद्ध सर्वोदय नेता अमरनाथ भाई ने कहा कि देश जिन परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में इस तरह के सामूहिक प्रयासों और जुतानों का तांता लग जाना चाहिए. समाज के बीच यह सन्देश जाना अति आवश्यक हो गया है कि लोकतंत्र को इस तरह खत्म होते हम नहीं देख सकते. जनता के बीच जनता की बात पहुँचाने के काम को अब मिशन बनाया जाना चाहिए.

समाजवादी साथी मजहर ने कहा कि आज देश खुद को जिस दलदल में पा रहा है, उसके चार प्रमुख कारण हैं. 1- आजादी के 75 साल बाद भी जनता खुद को प्रजा समझती है, लोग नागरिक नहीं बं पाए. 2- शिक्षा व्यवस्था का बेहद लचर और गैरजरूरी विषयों पर केन्द्रित होना. 3- हथियार के रूप में धर्म का इस्तेमाल और 3- सोशल मीडिया के प्लेत्फोर्म्स पर अराजकता का बोलबाला.

केन्द्रीय गाँधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचन्द्र राही ने भी समागम में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि देश की आज जो हालत है, उसमे शब्दों के घालमेल पर हमे ध्यान देना चाहिए. तानाशाही और फासिज्म के बीच अंतर किया जाना चाहिए. अगर हम इतिहास के पन्ने ही पलटते रह गये तो इतिहास के खण्डहरों में खो जायेंगे.  पूर्व संसद सदस्य डीपी राय ने कहा कि धर्म, भाषा, बोली, संस्कृति सब भिन्न होते हुए भी देश की यह खूबसूरती है कि हम संकट के समय एक हो जाते हैं. राष्ट्र निर्माण समागम को अखिलेन्द्र प्रताप और अमित जेवानी ने भी संबोधित किया.

अंत में मंचासीन अतिथियों ने सर्व सेवा संघ द्वारा प्रकाशित अहिंसक क्रांति के पाक्षिक मुखपत्र सर्वोदय जगत के नये अंक का लोकार्पण किया. प्रो आनन्द कुमार ने कहा कि यह पत्रिका आग के गोले में तब्दील हो चुकी है. इस अंक का हर अंक विशेषांक होता है. अधिक से अधिक लोग इस पत्रिका के पाठक बनें. उल्लेखनीय है कि इस समागम में देश भर से आये लगभग सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. महिलाओं की संख्या भी बीस से अधिक थी.

-रामधीरज, आयोजन समिति

 

Sarvodaya Jagat

Recent Posts

सर्वोदय जगत – 01-15 मई 2023

  सर्वोदय जगत पत्रिका डाक से नियमित प्राप्त करने के लिए आपका वित्तीय सहयोग चाहिए।…

7 months ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

1 year ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

1 year ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

1 year ago

इतिहास बदलने के प्रयास का विरोध करना होगा

इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की बैठक में बोले चंदन पाल इलाहबाद जिला सर्वोदय मंडल की…

1 year ago

This website uses cookies.