Writers

पूंजीपतियों का गंगा-विलास

गंगा केवल नदी नहीं है। यह देशवासियों की भावना से जुड़ी होने के अतिरिक्त कई जलीय जीवों का घर भी है। भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा में पाया जाने वाला डॉल्फिन है। गंगा का प्रदूषण इस डॉल्फिन की ज़िंदगी पर लगातार भारी पड़ रहा है और रोज़ इनकी संख्या घट रही है। सोचने की बात है कि क्रूज़ शिप का कचरा और ध्वनि प्रदूषण इनका क्या करेगा?

रिवर क्रूज़; यह क्रूज़ बेहद फ़ैसिनेटिंग शब्द है। ‘टाइटैनिक’ के छलावे से लेकर ‘कहो ना प्यार है’ के भुलावे तक, बचपन और तरुणाई के दो बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव इस रास्ते से गुज़रे हैं।

पानी के मध्य उसके शोर को सुनते हुए सुख-सुविधा में डूबे रहना; यह घोर कैपीटलिस्ट स्वप्न एकबारगी ख़ूब सुहाना लगता है, पर सुख यूँ कहाँ हासिल होता है! सुख की हर सेज के पीछे दुःख का बड़ा इतिहास होता है। जब बात क्रूज़ की हो तो यह दुःख समंदर अपनी छाती पर झेलता है। थोड़ा रिसर्च करने पर पता चलता है कि अरबों गैलन कचरा इन क्रूज़ से निकलकर समंदर के पेट में जाता है।

समुद्री जीवों के प्लास्टिक या ह्यूमन वेस्ट में फँसे होने की तस्वीरें आम हो गई हैं। फ़ोर्ब्स की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ लक्ज़री क्रूज़ पर एक आदमी ज़मीन के मुक़ाबले तीन गुना अधिक कार्बन एमिशन करता है, इसी रिपोर्ट में आगे दर्ज है कि किस तरह इन क्रूज़ से ज़हरीले तेल समंदर में फैलते हैं। ये तेल सबसे ख़राब प्रदूषक होते हैं। उनके द्वारा केवल पानी ही प्रदूषित नहीं होता, बल्कि पैदा किया हुआ शोर भी बेहद ख़तरनाक होता है और कई शांत समुद्री जीवों की ज़िंदगी लील जाता है। इन कमबख़्त क्रूज़ की वजह से समुद्रों का ऑक्सीजन स्तर गिरता जा रहा है और इसके पहले शिकार हुए हैं शैवालों और मूँगों के चट्टान, वे लगातार ख़त्म होते जा रहे हैं।

गंगा डाल्फिन

बेलूगा व्हेल; इस जीव को देखते ही आपको इससे प्यार हो जाएगा। छोटा मुँह, मिचमिची पानीदार आँखें; जैसे एक मुस्कुराहट चस्पाँ हो चेहरे पर। कुछ दिनों बाद यह जीव शायद डायनासोर की तरह क़िस्सों में ही नज़र आए! कारण? अब बस ग़ायब होने की कगार पर है। सील, समुद्री शेर और कई तरह के समुद्री पक्षी भी इसी श्रृंखला में हैं।

समुद्र विशाल होता है। इतना विशाल कि गंगा जैसी सैकड़ों नदियाँ उदरस्थ कर लेता है और आह भी नहीं भरता। केवल 270 क्रूज़ शिप के बाद अगर उस समंदर के हालात ऐसे हैं, तो गंगा की दशा क्या होगी?

जनवरी-2021 में उत्तर प्रदेश का जल बोर्ड गंगा के पानी को पीने योग्य जल की सूची से बाहर कर चुका है। गंगा का प्रदूषण इतनी बड़ी समस्या बन चुका है कि अलग से नमामि गंगे विभाग का गठन किया गया है। गंगा केवल नदी नहीं है। यह देशवासियों की भावना से जुड़ी होने के अतिरिक्त कई जलीय जीवों का घर भी है। भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा में पाया जाने वाला सूँस यानी डॉल्फिन है। गंगा का प्रदूषण इस डॉल्फिन की ज़िंदगी पर लगातार भारी पड़ रहा है और रोज़ इनकी संख्या घट रही है। सोचने की बात है कि क्रूज़ शिप का कचरा और ध्वनि प्रदूषण इनका क्या करेगा? मैंने इंटरनेट पर ‘गंगा विलास रिवर क्रूज़ ट्रैश मैनेजमेंट’ खोजने की कोशिश की अर्थात् रिवर क्रूज़ के कचरे का क्या होगा, यह जानने की कोशिश की। आरओ प्लांट और इंजिन नॉइज़ मफ़लर जैसा कुछ था, जिसके दावे तमाम क्रूज़ वाले करते हैं।

क्या किसी भी तरह से पेट्रोलियम से चलने वाली मशीन को प्रदूषण मुक्त क़रार दिया जा सकता है? सरकार कैसे इसे ग्रीन सेवा कह सकती है? इसका मुझे कोई जवाब नहीं मिला, कोई जवाब था ही नहीं, क्योंकि यह बात सरकार की प्रायोरिटी लिस्ट में ही नहीं है। इसे एड्रेस ही नहीं किया गया है। इसपर ध्यान देकर अपना नुक़सान क्यों करेगी सरकार? जनता तो बस चमक-दमक से प्रभावित होती है।

रिवर इकॉनमी! इस क्रूज़ से कितना पैसा और रोज़गार पैदा हो जाएगा? क्या वह इतना काफ़ी होगा कि नदी की बर्बाद होती ज़िंदगी की भरपाई कर दे? लगभग तेरह लाख रुपये प्रति व्यक्ति (संपूर्ण ट्रिप) खर्च वाला यह क्रूज़ क्या केवल अति धनाढ़्य वर्ग को ख़ुश करने की कोशिश भर नहीं हैं? चाहे प्रकृति का कुछ भी हो जाए!

शहरों का दुःख समेट रही गंगा यूँ ही वक़्त के आगे फीकी पड़ रही है। उस पर यह और अत्याचार कितना उचित है? शायद सरकारें भूल चुकी हैं कि गंगा इस देश में जीवन का दूसरा नाम है और रंगीनियों में मत्त जनता अपने ही खोते जीवन को लेकर हर्षित है!

-अणुशक्ति सिंह

Sarvodaya Jagat

Share
Published by
Sarvodaya Jagat

Recent Posts

सर्वोदय जगत (16-31 अक्टूबर 2024)

Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat

2 months ago

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

2 months ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

2 years ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

2 years ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

2 years ago

This website uses cookies.