News & Activities

राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में चरखा गैलरी का उद्घाटन

राजघाट, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में बनी चरखा गैलरी का 26 अप्रैल को नये सिरे से पुनर्निर्माण किया गया. गैलरी का उद्घाटन करते हुए यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज़ (यूएनएचसीआर) के सहायक उच्चायुक्त गिलियन ट्रिग्स ने कहा कि आज राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय में आकर मैं खुद को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इस चरखा गैलरी में घूमने के बाद मुझे महसूस हुआ कि स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता जैसे शब्द महात्मा गाँधी के प्रतीक शब्द हैं, ठीक उसी तरह जैसे चरखा भारत की आज़ादी का प्रतीक है. चरखा हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है. चरखे का अर्थ ही है कि सबको काम मिले और सबका जीवन गरिमापूर्ण हो. गांधी जी ने सबसे कमजोर आदमी को ताकत देने के लिए काम किया. शरणार्थियों को भी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की जरूरत है. हम भी वही करने की कोशिश कर रहे हैं. वर्तमान परिस्थितियों में सर्वोदय दर्शन का महत्व बढ़ गया है.

कार्यक्रम में गांधी स्मारक निधि के कोषाध्यक्ष रामचंद्र राही ने कहा कि गांधीवादी आंदोलन पिछले कई दशकों से शरणार्थी राहत कार्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चरखा न केवल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था, बल्कि गरिमापूर्ण आत्मनिर्भर जीवन का भी प्रतिनिधित्व करता था। चरखा गांधी जी की सोच का प्रतिनिधि यंत्र है. गाँधी जी के चिंतन में विकास एक ऐसी सतत प्रक्रिया है, जो शोषण नहीं, लोगों का संरक्षण करती है. गाँधी जी ने शोषण की अर्थव्यवस्था को नकारा और भविष्य के लिए एक ऐसे राज, समाज व व्यवस्था की नीव डाली, जिसका आधार चरखा था. गाँधी जी तकनीक के विरोधी कभी नहीं थे, वे ऐसी तकनीक का समर्थन करते थे, जिसमें शोषण न हो और जिसकी बुनियाद में अहिंसा हो. चरखा भी अहिंसक क्रान्ति की बुनियाद है, राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय अहिंसक क्रान्ति की इस धारणा को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने का स्तुत्य प्रयत्न कर रहा है.
राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए. अन्नामलाई ने अतिथियों को धन्यवाद दिया और कहा कि गांधी ईश्वर को हिमालय की कन्दराओं में नहीं, बल्कि लोगों के बीच आमने-सामने देखना चाहते थे। वे कहते थे कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। शासी निकाय की सदस्य और महात्मा गांधी की प्रपौत्री सुकन्या भरतराम ने मेहमानों को चरखे और घड़ी की प्रतिकृति के साथ सम्मानित किया। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की ब्यूरो निदेशक इंद्रिका रतवाटे, भारत और मालदीव में यूएनएचसीआर मिशन के प्रमुख ऑस्कर मुंडिया और भारतीय विद्या भवन मेहता विद्यालय की सीनियर प्रिंसिपल डॉ अंजू टंडन कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।

–सर्वोदय जगत डेस्क

Sarvodaya Jagat

Recent Posts

सर्वोदय जगत (16-31 अक्टूबर 2024)

Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat

1 month ago

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

1 month ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

2 years ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

2 years ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

2 years ago

This website uses cookies.