गोविन्दपुर, सोनभद्र 23 सितंबर 2021
बनवासी सेवा आश्रम उषा इण्टरनेशनल फाउण्डेशन के सहयोग से नौ दिवसीय विशेष सिलाई शिक्षिका प्रशिक्षण कार्यशाला का किया शुरूआत।
बहनों को सिलाई से स्वावलम्बी बनाकर बा-बापू के विचारों से स्त्रीशक्ति बढाने का काम कर रही है बनवासी सेवा आश्रम व उषा इण्टरनेशनल फाण्डेशन। उक्त बातें राष्ट्रीय कस्तुरबा गांधी ट्रस्ट के पूर्व सचिव चतुरा बहन ने अपने उद्दघाटन संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि गांधी जी चाहते थे देश की हर बेटी बहन स्वावलंबी हो अपना हर काम स्वयं करे। यह काम दोनों संस्था बनवासी सेवा आश्रम उषा इण्टरनेशनल फाउण्डेशन कर रही इसके लिए ढेरों शुभकामनाऐ।
आज बनवासी सेवा आश्रम में आदिवासी बहनों के लिए विशेष स्वालंबन सिलाई प्रशिक्षण का शुरूआत हुआ जिसमें कुल 20 बहनें भाग ले रहीं हैं। इसके लिए दो तज्ञ प्रशिक्षक मीता भट्टाचार्या, व कांता चौधरी लखनऊ से हैं, सिखाने का काम कर रहीं है। जानकारी के पिछले एक वर्ष से 60 सिलाई स्कूल संचालित है जिसमें सैकड़ों बहने सीखकर अपनी जीवनस्तर उंचा कर रहीं हैं। आश्रम मुखिया शुभाबहन अपने संबोधन में कहा कि आप सभी सिलाई शिक्षिका ही नहीं बल्कि एक समाज शिक्षिका भी बनेगी। विजय कुमार पाण्डेय, स्टेट कोआर्डिनेटर ने बताया कि उषा फाउंडेशन देश विदेश में लगभग 26000 स्वालंबन सिलाई स्कूल संचालित कर हजारों बहनों को स्वावलंबन की ओर अग्रसित है। मौके पर जगत भाई, विमलभाई सहित अनेक सजग कार्यकर्ता शामिल रहे। प्रशिक्षण का संयोजन नीरा बहन व गिरधारी भाई कर रहे है।
देवनाथ भाई,
ब.से.आ.गोविन्दपुर, सोनभद्र
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