भूदान डायरी जनमन

भूदान डायरी; विनोबा विचार प्रवाह : जनता के सेवक जनता के मन पर आरूढ़ होकर चलते हैं

सभी को देखने में लगता है कि हम पैदल चलते हैं, पर ऐसा नहीं है। हम जनता के सेवक है,…

3 years ago

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