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महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल : विदर्भ के जिला सर्वोदय मंडलों में पांच दिवसीय सघन संपर्क अभियान

एक दूसरे को परखने तथा साझे सूत्र तलाशने की यह एक सकारात्मक पहल थी, जिसका सभी साथियों ने दिल खोलकर स्वागत किया। एक दूसरे को समझना और तमाम समस्याओं के समाधान का रास्ता तलाशना इस अभियान का मकसद था, जो इन पांच दिनों में बखूबी पूरा हुआ।

महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने के नेतृत्व में विदर्भ क्षेत्र के विभिन्न जिला सर्वोदय मंडलों और साथियों के साथ सम्पर्क का पांच दिवसीय अभियान सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। 2 दिसंबर 2021 को वर्धा जिला सर्वोदय मंडल की बैठक से इस संपर्क अभियान की शुरुआत हुई और नागपुर, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, यवतमाल तथा वाशिम होते हुए अकोला जिले के ग्रामदानी गांव केलिवेली में 6 दिसंबर 2021 की रात 8 बजे हुई सभा के साथ अभियान का समापन हुआ. इस पांच दिवसीय अभियान के दौरान प्रदेश अध्यक्ष रमेश दाने के अलावा सर्व सेवा संघ के विश्वस्त साथी शेख हुसैन, किसान अधिकार अभियान के अध्यक्ष सुदामा पवार, सेवाग्राम आश्रम के अंतेवासी जालंधर भाई, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रवीर भाई, युवा साथी पराग खंगार तथा यात्रा के संयोजक अविनाश काकड़े पूरे समय साथ बने रहे.


इस संपर्क अभियान की तैयारी पिछले एक महीने से चल रही थी. विदर्भ के सभी नौ जिलों के अध्यक्षों, सचिवों और प्रतिनिधियों से पहले इस संदर्भ में विस्तृत बातचीत की गई. इन जिलों के पदाधिकारियों व प्रमुख साथियों का एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया. सभी के साथ अभियान के लिए पूर्व तैयारी और अन्य जरूरतों, चुनौतियों आदि के सम्बंध में सामूहिक चर्चा इस ग्रुप के माध्यम से हमने पहले ही शुरू कर दी थी. इस कदम से हर जगह अच्छा कार्यक्रम हो और हमारा कार्यक्रम दूसरी जगहों से बेहतर हो, ऐसी एक स्वस्थ और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा आपस में शुरू हो गयी थी. इसका भरपूर फायदा इस संपर्क अभियान के दौरान हुआ. इस अभियान में सभी जिलों के साथियों ने बहुत सुन्दर व्यवस्था की और अपने उत्साह तथा लगन से सभी साथियों का दिल जीत लिया.


कोरोना महामारी की वजह से पिछले डेढ़, दो वर्षों में जिला सर्वोदय मंडलों में जो सुस्ती आ गयी थी, इस तूफानी दौरे से वह सुस्ती सक्रियता में बदल गयी और सभी नये सिरे से जुट गए। यह मानसिक और व्यावहारिक तैयारी लगभग सभी जिलों में और सभी कार्यक्रमों में दिखी. हमारे लिए यह प्रयास एक प्रयोग था. नये अध्यक्ष और उनकी कार्यशैली से साथियों का और विदर्भ के साथियों, युवजनों से अध्यक्ष का परिचय कराने, एक दूसरे को परखने तथा साझे सूत्र तलाशने की यह एक सकारात्मक पहल थी, जिसका सभी साथियों ने दिल खोलकर स्वागत किया। इस बीच कुछ एक जगहों पर नये सर्वोदय मंडलों का गठन भी हुआ है, वहीं कुछ एक जगहों पर लंबे समय से परिवर्तन न होने की वजह से नयापन नहींं आ रहा था. इन सभी बातों को समझना और तमाम समस्याओं के समाधान का रास्ता तलाशना इस अभियान का मकसद था, जो इन पांच दिनों में बखूबी पूरा हुआ.


चर्चा और चिंतन के मुद्दे
हम सभी लंबे समय से महसूस कर रहे थे कि हमें अपनी सर्वोत्तम क्षमतानुसार अपने अपने क्षेत्र में सेवा के द्वारा निर्माण कार्य व सत्य, अहिंसा, समता के विचार का नियमित प्रबोधन करना चाहिए. नयी पीढ़ी में मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण शिविरों, प्रबोधन सभाओं और प्रत्यक्ष योजनाओं तथा कार्यों का सिलसिला शुरू होना चाहिए. समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के पीड़ित जनों में आवश्यक बौद्धिक तथा शारीरिक उन्नति के लिए उपलब्ध संसाधनों के जरिये हर सम्भव सेवा व सहयोग करने में हमारी तत्परता व प्रतिबद्धता होनी चाहिए.


हमें अपने संकल्प और उसकी पूर्ति के लिए अपनी कार्ययोजना बनाने तथा उस पर अमल करने के लिए किसी की राह देखने की जरूरत नहीं है. कोई रहनुमा आयेगा और हमें हमारे कठिन हालात से उबार लेगा, ऐसा सोचकर ओढ़ी गयी हमारी निष्क्रियता समाज में निराशा को बढ़ावा देने में मददगार बनती है. भारतीय संविधान इस देश का प्रथम व सर्वोच्च कानून है. संविधान में बताए गए नागरिक के कर्तव्य और अधिकार, सम्यक तथा समतामूलक समाज के उन्नयन के लिए लिखी गई धाराओं व अनुसूचियों के प्रति जनजागरूकता के अलावा जनजागरण के व्यापक कार्यक्रम हम सभी को अपने अपने कार्यक्षेत्र में करने चाहिए. ऐसे अभियान राष्ट्रीय स्तर पर भी चलाये जाने चाहिए.


संगठन में नये व पुराने साथियों के बीच समन्वय बनाने की हमेशा कोशिश होनी चाहिए. इसी तरह समान विचारधर्मी संगठनों के साथ समान उद्देश्य के कार्यक्रमों के सामूहिक आयोजन की कोशिश भी करनी चाहिए. हमारे प्रशिक्षण शिविरों और प्रबोधन कार्यक्रमों में समाज के नये साथियों को जोड़ने की सतत और निरंतर कोशिश होनी चाहिए. हमें आम लोगों के सवालों, सद्भभावना और सेवा के कार्यक्रमों के माध्यम से अपने अपने कार्यक्षेत्र में सक्रिय और कार्यशील रहना चाहिए. इस तरह के सामूहिक विचार व कार्यक्रम हमें आत्मविश्वास और कार्यसन्तोष से समर्थ बनाते हैं।


सम्पर्क अभियान के कार्यक्रम
सबसे पहले गोंदिया पहुंचकर हम वहां सर्वोदय विचारधारा से प्रेरित बाहेकर जी के व्यसन मुक्ति केंद्र पर रुके और उनके सेवा कार्य को समझा. गोंदिया जिला सर्वोदय मंडल और इस केंद्र के बीच तालमेल रखकर सेवा कार्य को आगे बढ़ाने में हम एकदूसरे के साथ परस्पर सहयोग करेंगे, ऐसा सामूहिक निर्णय और विश्वास प्रकट किया गया.


गढ़चिरौली से 18 किलोमीटर दूर सर्वोदय के वरिष्ठ साथी डॉ अभय बंग व डॉ रानी बंग, शोधग्राम नामक संस्था के माध्यम से पिछले लगभग पैंतीस वर्षों से आदिवासियों के बीच मेडिकल सेवा, नशामुक्ति व अनौपचारिक शिक्षा के काम मे लगे हैं. यहां हमारा एक रात का पड़ाव था. सुबह डॉ अभय बंग के साथ सर्वोदय विचारधारा पर लगभग डेढ़ घंटे अनौपचारिक बातचीत हुई. हमारे कार्यक्रमों के स्वरूप, हमारी कमजोरियों, हमारी आगे की दृष्टि व कार्यक्रमों पर भी व्यापक चर्चा हुई. हमने आगे एक दो दिन का पूरा समय निकालकर शोधग्राम में मुक्त चिंतन के लिए आने का वायदा भी किया. हम सबने शोधग्राम परिसर में स्थित स्व. ठाकुरदास बंग की समाधि को नमन करके जय-जगत का जयघोष किया. सबने प्रो. बंग कि स्मृतियों का स्मरण किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.


हम अकोला जिले के उस ग्रामदानी गांव भी गए, जहां सर्वोदय के वरिष्ठ साथी रामकृष्ण आढ़े ने अपनी पूरी जिंदगी ग्रामस्वराज व ग्रामदान के काम में खपाई और इसी गांव में अपनी अंतिम सांस ली. यह गांव आज भी ग्रामदान के नियमों-कानूनों के तहत चल रहा है. रामकृष्ण आढ़े का स्मरण करते हुए सबने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी जिलों मे प्रदेश अध्यक्ष रमेश दाने के आगमन पर जिला सर्वोदय मंडलों ने अभिनंदन का लिखित प्रस्ताव पारित किया और उन्हें सौंपा. अकोला में जिला सर्वोदय मंडल के प्रतिनिधि गुरुचरण ठाकुर के यहां संपर्क अभियान कार्यक्रम का समापन किया गया.


इस संपर्क अभियान में हमारा मंत्र जय-जगत, हमारा तंत्र ग्रामस्वराज, हमारा लक्ष्य विश्व शांति आदि नारे लगाए गये. प्रबोधन व परिवर्तन के गीत गाए गये. ‘सर्वोदय जगत’ व ‘साम्ययोग साधना’ पाक्षिक के बारे में जानकारी दी गई. संविधान की पुस्तिकाओं और किसान समस्याओं पर लिखी किताबों तथा क्रांतिगीतों की किताबों की बिक्री भी की गयी.


अभियान के साथी

इस विदर्भ अभियान में वर्धा जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश झाड़े, सचिव कन्हैया छांगाणी, प्रतिनिधि ज्ञानेश्वर भाऊ ढंगे, नागपुर जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष अरुण देशपांडे, सचिव रवि गुड़धे, प्रतिनिधि संजय बेहरे, गोंदिया जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष कैलाश मते, सचिव संतोष येरपुड़े, प्रतिनिधि भूलेश्वर डोहले, गढ़चिरौली जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष देवानंद कामड़ी, सचिव विलास निंबोरकर, प्रतिनिधि तुलाराम नेताम, चंद्रपुर जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष माणिक राव दुधलकर, सचिव ईश्वरराव गहुकर, प्रतिनिधि सुधाकर गाडेकर, यवतमाल जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष विनोद देवताले, सचिव संजय सांबजवार, प्रतिनिधि एकनाथ डंगवार, वाशिम जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मदन येवले, सचिव गजानन वाघ, प्रतिनिधि हरिभाऊ क्षीरसागर आदि साथियों ने अपने अपने जिलों के लोकसेवकों और सर्वोदय मित्रों के साथ मिलकर खूब तैयारी की और प्रदेश अध्यक्ष रमेश दाने व प्रमुख साथियों के संपर्क अभियान के सभी कार्यक्रमों को सफल बनाया. इस अभियान से प्रेरणा लेकर आगे पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण के क्षेत्र में दिसंबर 2021 के आखिरी सप्ताह में जिला सर्वोदय मंडलों के साथ संपर्क अभियान का कार्यक्रम स्थानीय व प्रभारी साथियों द्वारा सुनिश्चित किया गया है.

-अविनाश काकड़े

Sarvodaya Jagat

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