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यदि आज जेपी होते!

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर कार्यक्रमों का आयोजन

इतिहास ने जिन्हें लोकनायक कहकर पुकारा, सम्पूर्ण क्रांति के उस नायक जयप्रकाश नारायण की जयन्ती 11 अक्टूबर को देश के विभिन्न स्थानों पर उत्साह्रपूर्वक मनाई गयी. पेश है, जेपी जयंती कार्यक्रमों की झलकियाँ.

सर्वोदय मंडल, गाजीपुर

सर्वोदय मंडल एवं लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति द्वारा बोलबम सेवा समिति, गाजीपुर के अंजही घाट पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई गई. उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश अरुण, कन्हैया वर्मा, अंजनी वर्मा, राजेंद्र, चन्द्रभान सिंह आदि ने जेपी के चित्र पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान, पटना

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित संगोष्ठी का विषय था ‘यदि आज जेपी होते।’ संगोष्ठी के मुख्य वक्ता थे पटना विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ रमेन्द्र। उन्होंने कहा कि जेपी आज जिंदा होते तो साम्प्रदायिक राजनीति का विरोध करते। आर्थिक समता की वकालत करते। लोगों को संगठित करते। आर्थिक विकेंद्रीकरण की बात करते। आज जेपी जिंदा होते तो विपक्षी दलों को संगठित करके बीजेपी कै विरुद्ध मैदान में उतारते। आज की राष्ट्रीय परिस्थिति 1974 से ज्यादा खराब हो चुकी है। आज हमें परिस्थितियों में बदलाव पर सोचना चाहिए। हमें आगे आना होगा। धन्यवाद ज्ञापन ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विनोद रंजन ने किया। वाहिनी के साथी प्रभात के ओजस्वी गीतों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

जमशेदपुर
जेपी की जयंती पर जमशेदपुर में आयोजित कार्यक्रम में एक स्वर से इस बात पर बल दिया गया कि युवाओं को संपूर्ण क्रांति की विचारधारा से लैस करने की ज़रूरत है। जेपी ने हमें विरासत में अपनी विचारधारा सौंपी है। उसे व्यवहार में लाते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए क्रांति की मशाल हमें जलाए रखनी है और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करना है। इस अवसर पर छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के वरिष्ठ साथियों अरविन्द अंजुम, जगत, रुस्तम आदि ने जेपी के विचारों से प्रेरित होकर लंबे समय तक संघर्ष के अपने अनुभव साझा किये। सभा की अध्यक्षता मजदूर नेता यूके शर्मा ने और संचालन योगेश कुमार शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन भवेश कुमार ने किया। कार्यक्रम में परमजीत श्रीवास्तव, टीएन मिश्रा, अविनाश कुमार, रविंदर कुमार, संजीव कुमार झा, अंकुर सारस्वत, अमर, दिनेश कुमार, चंदन कुमार यादव, अभय झा, राजीव रंजन, शशांक शेखर आदि मौजूद थे।

जयप्रकाश स्मारक समिति, आरा
जयप्रकाश स्मारक समिति, कलक्ट्री तालाब, आरा की तरफ से 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई गई। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद एक विचारगोष्ठी हुई,
जिसकी अध्यक्षता रमाकांत ठाकुर, संचालन अशोक मानव एवं धन्यवाद ज्ञापन सलिल भारती ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में गुलाब चंद प्रसाद, अश्वनी सिन्हा, सीमा कुमारी, गोपाल वर्मा, नाथू राम, सरफ़राज़ खां, शमीम आरवी, बैजनाथ यादव, अजित ओझा, लिटिल, लालबाबू पासवान, परशुराम राय, जाकिर हुसैन, अशोक शर्मा, दिनेश मुन्ना, चुन्नू सिंह, बाल्मीकि शर्मा, डी राजन, पंकज भट्ट, साहेब यादव, लडू भोपाली, कृष्णनन्दू, निर्मल सिंह, कन्हैया सिंह, श्याम जी यादव आदि प्रमुख थे।

देश बचाओ अभियान, दिल्ली
जेपी जयंती के दिन 11 अक्टूबर को देश बचाओ मंच द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन में ‘रोज़गार अधिकार जन आयोग’ की रिपोर्ट का लोकार्पण दिल्ली में संपन्न हुआ. इस रिपोर्ट के साथ वरिष्ठ न्यायविद प्रशांत भूषण द्वारा तैयार संविधान संशोधन का मसविदा भी दिया गया है. अर्थशास्त्री प्रो अरुण कुमार की अध्यक्षता में विगत 10 जुलाई को गठित समिति में प्रशांत भूषण, एसआर हीरेमठ, अनुपम, बबिता, ऋतु दिवान और विशाल पांडेय सम्मिलित थे. रोज़गार अधिकार रिपोर्ट के लोकार्पण संवाद में हिंद मज़दूर सभा के महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू, योजना आयोग के पूर्व सदस्य संतोष मेहरोत्रा, सिटिजंस फार डेमोक्रेसी के अध्यक्ष एसआर हीरेमठ, वाहिनी मित्र मिलन की कंचन, अग्निवीर योजना प्रतिरोध अभियान की बबिता, जमाते इस्लामी के महामंत्री नौ़शाद, युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम, समाजवादी समागम मंडल के अध्यक्ष रमाशंकर, इंडियन पीपुल्स फ़्रंट के अखिलेंद्र प्रताप और देश बचाओ अभियान की ओर से शुभमूर्ति और सत्यनारायण मदन शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो आनंद कुमार ने की.

गांधी शांति प्रतिष्ठान, कानपुर
गांधी शांति प्रतिष्ठान, कानपुर के तत्वावधान में जेपी का जयंती समारोह नरोना चौराहा पर मनाया गया. कार्यक्रम में जगदंबा भाई ने कहा कि स्वतंत्र विचारों वाले मूल्यों पर आधारित जीवन जीने की इच्छा रखने वाले नागरिकों से ही संपूर्ण क्रांति संभव है. गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि लोकतंत्र के वर्तमान पिरामिड को देख उलट कर रखना चाहिए. अभी संसद सर्वोच्च और ग्रामसभा सबसे नीचे है, लेकिन जेपी चाहते थे कि ग्रामसभा सर्वोच्च हो! कार्यक्रम में मुख्य रूप से देव कुमार, रामशंकर, राज कुमार अग्निहोत्री, नौशाद आलम मंसूरी, अजीत खोटे, शंकर सिंह, बिंदा भाई आदि रहे. अध्यक्षता कैलाश नाथ त्रिपाठी ने तथा संचालन सुरेश गुप्ता ने किया.

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