गणेश शंकर विद्यार्थी की 132 वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन 26 अक्टूबर को ‘विद्यार्थी प्रतिमा’ फूलबाग में गांधी शांति प्रतिष्ठान केन्द्र के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्धजनों ने कहा कि हमारे देश में गणेश शंकर विद्यार्थी के विचारों, संघर्ष की परंपरा में कमी आयी है। विद्यार्थी जी के सामाजिक और साम्प्रदायिक सौहार्द तथा किसानों के प्रति उदारता में कमी आयी है। विद्यार्थी जी इन्हीं चीजों के लिए संघर्ष करते रहे। समाज में सामाजिक समरसता, संघर्ष और त्याग की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए विद्यार्थी जी को रोल मॉडल के रूप में देखें। वरिष्ठ गांधीवादी कैलाशनाथ त्रिपाठी ने कहा कि विद्यार्थी जी ने कानपुर में दंगों के दौरान गली मुहल्लों में भागते, दौड़ते नफरत की आग बुझाने में स्वयं को स्वाहा कर दिया। चौबे गोला के पास नफरत और आतताई ताकतों ने उनकी हत्या कर दी, विद्यार्थी जी ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान मजदूर, किसान और कमजोर तबकों तथा स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए संघर्ष किया। आज के आंदोलन, इवेंट बनते जा रहे हैं। इवेंट की परंपरा को आंदोलन से दूर रखना होगा। संगोष्ठी की अध्यक्षता गांधी शांति प्रतिष्ठान केन्द्र के अध्यक्ष दीपक मालवीय तथा संचालन सुरेश गुप्ता ने किया। वक्ताओं में जगदम्बा भाई, मदन भाटिया, छोटे भाई नरोना, कुजूर भाई तथा कृष्णकांत अवस्थी आदि शामिल थे।-बिन्दा भाई
Click here to Download Digital Copy of Sarvodaya Jagat
इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…
पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…
जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…
साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…
कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…
This website uses cookies.