News & Activities

संविधान मानवीय मर्यादा के साथ जीवन के अधिकार की रक्षा करता है महाराष्ट्र के नागपुर में जुटे 12 राज्यों के 135 साथी, पढ़ा संविधान का पाठ

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्वतंत्रता को मनुष्य का एक ऐसा प्राकृतिक अधिकार बताया गया है, जिसका हरण नहीं किया जा सकता है और न ही कोई भी संस्था या सरकार नागरिकों को इस अधिकार से वंचित कर सकती है। यह बात “हम और हमारा संविधान” विषय पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान चर्चा के केंद्र में रही । कार्यक्रम का सफल समापन 14 मार्च को हुआ।
11 मार्च शुक्रवार को प्रारंभ हुई इस कार्यशाला में राज्यों के विभिन्न जन संगठनों के कुल 135 सक्रिय कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही। इस कार्यशाला में अलग अलग सत्रों के ज़रिए संविधान की उद्देशिका में समाहित मूल्यों, यथा-समता, न्याय, स्वतंत्रता, अखंडता, संप्रभुता, समाजवाद, लोकतंत्र आदि की मेंटर्स ने विशद व्याख्या करते हुए संविधान का पाठ पढ़ाया और कहा कि इस पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है।
मौलिक अधिकारों की व्याख्या करते हुए कहा गया कि व्यक्ति किसी भी धर्म को मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र है और न्याय की संकल्पना सबके लिए बराबर है। विषमता मूलक समाज व्यवस्था में समय के साथ पिछड़ गए समुदायों को विशेष अवसर प्रदान किया गया है, जो संविधान में आरक्षण की व्यवस्था के रूप में विद्यमान है। समाज में जब तक विषमता रहेगी, तब तक विशेष अवसर की स्थिति भी बनी रहेगी। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि प्रस्तावना में उल्लिखित समता के आदर्श को प्राप्त करने के लिए समाज में सभी प्रकार की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक विषमताओं को दूर किया जाए।
इससे पहले प्रवेश सत्र में विभिन्न राज्यों के साथियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। देश में पिछले कुछ सालों में जो माहौल बना है, उससे देश का आम नागरिक स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है, खासकर सामाजिक और लोकतांत्रिक तबका। संविधान को खतरे में डालने की कुचेष्टा हो रही है। ऐसे में संविधान, जो आम नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है, को बचाने के लिए व्यापक और सघन अभियान की ज़रूरत है। इसी के मद्देनजर इस चार दिनी वर्कशाप का आयोजन किया गया।
इस पूरे कार्यक्रम में मेंटर के तौर पर उल्का महाजन और दशरथ जाधव, राजस्थान से देवेन्द्र,  मध्य प्रदेश से आराधना भार्गव, अमित भटनागर तथा जयश्री, दिल्ली से सदरे आलम, गुफरान सिद्दीकी और लाल प्रकाश राही, यूपी से अशफाक और श्वेता त्रिपाठी,

Co Editor Sarvodaya Jagat

Recent Posts

क्या इस साजिश में महादेव विद्रोही भी शामिल हैं?

इस सवाल का जवाब तलाशने के पहले राजघाट परिसर, वाराणसी के जमीन कब्जे के संदर्भ…

5 days ago

सर्वोदय जगत – 01-15 मई 2023

  सर्वोदय जगत पत्रिका डाक से नियमित प्राप्त करने के लिए आपका वित्तीय सहयोग चाहिए।…

8 months ago

बनारस में अब सर्व सेवा संघ के मुख्य भवनों को ध्वस्त करने का खतरा

पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से घटे घटनाक्रम के दौरान जहां सर्व सेवा संघ…

1 year ago

विकास के लिए शराबबंदी जरूरी शर्त

जनमन आजादी के आंदोलन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक मुद्दा शराबबंदी भी था।…

1 year ago

डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत थे

साहिबगंज में मनायी गयी 132 वीं जयंती जिला लोक समिति एवं जिला सर्वोदय मंडल कार्यालय…

1 year ago

सर्व सेवा संघ मुख्यालय में मनाई गई ज्योति बा फुले जयंती

कस्तूरबा को भी किया गया नमन सर्वोदय समाज के संयोजक प्रो सोमनाथ रोडे ने कहा…

1 year ago

This website uses cookies.