संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में कहा कि महात्मा गाँधी समरसता, समानता, बहुलवाद और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए समझौता न करने वाले वकील थे। यह बात उन्होंने ट्विटर के साथ एक बातचीत में कही, उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थापित होने वाली उनकी नई प्रतिमा दुनिया को उन मूल्यों की याद दिलाती है, जिनके लिए वे जिए और मरे। हमें भी यह प्रतिमा हमेशा उन मूल्यों की याद दिलाती रहेगी और हम उनके लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि 14 दिसम्बर को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाँधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के अलावा इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ की 77 वीं जनरल एसेम्बली के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कम्बोज भी उपस्थित थीं। इन सभी ने राष्ट्रपिता बापू के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, यह खबर संयुक्त राष्ट्र में परमानेंट मिशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से एक प्रेस रिलीज़ में दी गयी है।
इस मौके पर महात्मा गांधी का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये जे…का गायन भी हुआ। गाँधी जी की यह प्रतिमा भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र संघ को एक उपहार के तौर पर सौंपी गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय के उत्तरी लॉन में स्थापित होने वाली गांधी जी की यह पहली प्रतिमा है। गांधी जी की इस प्रतिमा का निर्माण, स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी का निर्माण करने वाले राम वनजी सुथार ने किया है। प्रेस रिलीज़ के मुताबिक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उच्च स्तरीय सदस्य देशों के प्रतिनिधि, भावी सदस्य और संयुक्त राष्ट्र के अन्य अधिकारी भी थे। विदेश मंत्री जयशंकर 14-15 दिसम्बर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए न्यूयॉर्क में थे, भारत माह दिसम्बर-2022 के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है।
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