Spiritual

तुम अपने पड़ोसी से प्रेम रखना – यीशु-वाणी

विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को…

2 years ago

तुम पृथ्वी के नमक हो

यीशु का अपने प्राथमिक शिष्यों को उपदेश विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे…

2 years ago

जब यीशु ने यूहन्ना से लिया बप्तिस्मा!

अध्यात्म विनोबा ने गीता, भागवत,धम्मपद,जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्म-ग्रन्थों के नवनीत लिखे हैं. इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने…

2 years ago

चित्त-मीमांसा

11 सितंबर : विनोबा जयंती यह एक गलत ख्याल है कि दु:ख मिट जायेंगे तो चित्त प्रसन्न होगा। चित्त प्रसन्न…

2 years ago

समत्वयुक्त कर्मयोग

सेना के जवान खाना-पीना सब साथ करते हैं, लेकिन ईश्वर का नाम लेने का मौका आया, तो सब अलग हो…

2 years ago

प्रार्थना इसलिए कि आत्मा की संकल्प-शक्ति प्रकट हो

आत्मा में संकल्प-शक्ति निहित है। आत्मा की व्याख्या है, संकल्प का अधिष्ठान। जिससे स्फूर्ति मिले, वही आत्मा है। शुभ संकल्प…

2 years ago

एक विचार की विकास यात्रा

सर्वधर्म समभाव के पीछे जो सभी जीवों को अपना लेने का भाव है, वह हमें सभी मनुष्यों की समानता से…

2 years ago

देहासक्ति से अवरुद्ध जीवन

यह देह साध्य नहीं, साधन है। यदि हमारा यह भाव दृढ़ हो जाये, तो फिर शरीर का जो वृथा आडंबर…

2 years ago

आज का विनोबा विचार – श्वेताश्वतर उपनिषद अंश मनोधी योग:

हमारे आध्यात्मिक साहित्य में कर्म योग, ज्ञान योग, ध्यान योग, आदि शब्द मिलते हैं। यहां नया ही शब्द मिला है_…

3 years ago

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