विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को…
यीशु का अपने प्राथमिक शिष्यों को उपदेश विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे…
अध्यात्म विनोबा ने गीता, भागवत,धम्मपद,जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्म-ग्रन्थों के नवनीत लिखे हैं. इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने…
11 सितंबर : विनोबा जयंती यह एक गलत ख्याल है कि दु:ख मिट जायेंगे तो चित्त प्रसन्न होगा। चित्त प्रसन्न…
सेना के जवान खाना-पीना सब साथ करते हैं, लेकिन ईश्वर का नाम लेने का मौका आया, तो सब अलग हो…
आत्मा में संकल्प-शक्ति निहित है। आत्मा की व्याख्या है, संकल्प का अधिष्ठान। जिससे स्फूर्ति मिले, वही आत्मा है। शुभ संकल्प…
सर्वधर्म समभाव के पीछे जो सभी जीवों को अपना लेने का भाव है, वह हमें सभी मनुष्यों की समानता से…
यह देह साध्य नहीं, साधन है। यदि हमारा यह भाव दृढ़ हो जाये, तो फिर शरीर का जो वृथा आडंबर…
हमारे आध्यात्मिक साहित्य में कर्म योग, ज्ञान योग, ध्यान योग, आदि शब्द मिलते हैं। यहां नया ही शब्द मिला है_…
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