जिस हत्यारी विचारधारा ने तीन गोलियां मारकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जर्जर काया का अंत किया, वही विचारधारा आज बापू की वैचारिक विरासत को मिटाने के काम में लगी हुई है। आजादी की 75वीं और भारत छोड़ो आंदोलन की 80वीं वर्षगांठ मना रहा भारत, वह भारत नहीं रह गया है, […]

सर्व सेवा संघ,गांधी अनुयायी संगठनों तथा सहमना संघठनों की संयुक्त पहलकदमी देश में जिन मूल्यों के आधार पर स्वतंत्रता प्राप्त हुई, आज के परिस्थितियों का उन मूल्यों से तालमेल नहीं है. उन मूल्यों के विपरीत तेजी से घटनाएं घट रही हैं. समूचे देश में लोगों के मन में भय है. जो लोग वर्तमान सत्तापक्ष के विचारों से भिन्न मत रखते […]

आत्मा में संकल्प-शक्ति निहित है। आत्मा की व्याख्या है, संकल्प का अधिष्ठान। जिससे स्फूर्ति मिले, वही आत्मा है। शुभ संकल्प बनता नहीं, इसलिए आत्मा की संकल्प-शक्ति प्रकट नहीं होती। आत्मा की संकल्प-शक्ति के प्रकाशन के लिए हम प्रार्थना करते हैं। व्यापक अनुभव से ईश्वर-सम्पर्क हिन्दुस्तान के लोग तो भावुक होते […]

जेपी आंदोलन का आफ्टर इफेक्ट जो काम अंग्रेज 190 साल के शासन के दौरान नहीं कर पाये, वह जेपी से वीपी सिंह तक के दस-पंद्रह सालों के दौरान हो गया। सन 1974 के जेपी आंदोलन का प्रभाव राजनैतिक था, यह सच का एक पहलू है। उस समय के राजनैतिक दलों […]

तेल का खेल भारतीय कॉर्पोरेट्स की कई आयल रिफाइनरीज़ बांग्लादेश में हैं। भारत सरकार द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद इन लोगों ने इस पाम आॅयल का आयात इन्हीं बंगलादेशी रिफ़ाइनरीज़ के नाम करा लिया। खेल तो बस कागज पर ही होना था! मलेशिया ने […]

गांधी का भारत बहुस्तरीय हिंसा का अखाड़ा बना हुआ है। लोहिया ने लिखा था कि बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध ने दो नए अविष्कारों को जन्म दिया, परमाणु बम और महात्मा गांधी और सदी का उत्तरार्ध इन दोनों के बीच चुनाव करने के लिए संघर्ष करेगा और कष्ट सहेगा। आज इक्कीसवीं […]

ज़रूरत है कि लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट, सरकारों की बदनीयती, प्रतिशोध और दुश्चक्र को पहचान कर नागरिकों की रक्षा करें। हमें यह याद रखना चाहिए कि समाज की एकता और अखंडता के लिए न्याय एक अनिवार्य तत्व है, जिस राज्य और समाज में न्याय नहीं होगा, देर-सबेर उसका विखंडन निश्चित […]

अभिव्यक्ति की आजादी पर संकट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की पहली सीढ़ी है। यदि इस सीढ़ी को ही ढहा दिया जाए तो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की मंजिल का सफर दुरूह हो जाएगा। पिछले कुछ वर्षों से इस देश में बोलने की आजादी को प्रशासनिक महकमों और सत्ता संस्थानों द्वारा […]

चार महीने (28 अप्रैल-3 सितंबर 2022) तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में पहले और दूसरे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान का भूमिगत साहित्य प्रदर्शित किया गया है. पहला स्वतन्त्रता संग्राम, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लड़ा गया और दूसरा स्वतन्त्रता संग्राम, जो संपूर्ण क्रांति आंदोलन द्वारा कांग्रेस सरकार […]

फिलाडेल्फिया में डॉ एनथोनी मानतेरियो ने की गांधी-किंग विचार संगोष्ठी की अध्यक्षता भारत की स्वतंत्रता की हीरक जयंती के अवसर पर अमेरिका के शहर फिलाडेल्फिया में आयोजित महात्मा गांधी-मार्टिन लूथर किंग जूनियर विचार संगोष्ठी, प्रसिद्ध समाजशास्त्री एवं सामाजिक, राजनीतिक चिन्तक डॉ एनथोनी मानतेरियो की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. यह कार्यक्रम […]

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