भारत के बहुलतावादी समाज, मानवतावादी संस्कृति, संघीय व लोकतांत्रिक स्वरूप तथा धार्मिक सद्भाव की रक्षा और श्रम एवं प्राकृतिक संसाधनों की लूट, बेरोजगारी, महंगाई, सरकार संपोषित पूंजीवाद व सांप्रदायिकता को समाप्त करने का सामूहिक संकल्प। अधिवेशन का आधार-पत्र लोक-कल्याणकारी शासन की विडंबना : समाज, देश या राष्ट्र के सामने कभी-कभी […]

आज़ादी से लगभग तीन हजार साल पहले से देश का पिछड़ा और दलित समाज जिस गुलामी की चक्की में पिस रहा था, उससे मुक्ति के कहीं कोई आसार नहीं थे. उस सामाजिक गुलामी से आज़ादी दिलाने के लिए जिस महापुरुष का अवतार हुआ, उसे महात्मा गाँधी कहते हैं। हम क्या […]

देश की तीन प्रमुख समस्याएं – महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिकता सर्व सेवा संघ ने अगस्त क्रांति दिवस 9 अगस्त से महा जन-जागरण यात्रा और सत्याग्रह की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सर्व सेवा संघ के 89वें अधिवेशन में लिया गया, जो 17-18 जुलाई 2022 को गुजरात के […]

संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रनिर्माण समागम का दो दिवसीय आयोजन प्रारम्भ राष्ट्रीय समागम को संबोधित करते सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक योद्धा प्रशांत भूषण 13 अगस्त, वाराणसी। न्यायपालिका की हालत यह है कि वह मानवाधिकारों की रक्षा करने के बजाय, खुद मानवाधिकारों का हनन करने में लगी […]

9 अगस्त 2022, नई दिल्ली। “गांधी विचार की राष्ट्रीय शीर्ष संस्था सर्व सेवा संघ द्वारा नागरिक अधिकारों, धार्मिक सद्भाव और खादी की रक्षा के लिए ‘अगस्त क्रांति दिवस’ पर जंतर- मंतर में दिन भर का संकल्प सत्याग्रह किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के गांधीवादी संगठनों व कार्यकर्ताओं की […]

जिस हत्यारी विचारधारा ने तीन गोलियां मारकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जर्जर काया का अंत किया, वही विचारधारा आज बापू की वैचारिक विरासत को मिटाने के काम में लगी हुई है। आजादी की 75वीं और भारत छोड़ो आंदोलन की 80वीं वर्षगांठ मना रहा भारत, वह भारत नहीं रह गया है, […]

सर्व सेवा संघ,गांधी अनुयायी संगठनों तथा सहमना संघठनों की संयुक्त पहलकदमी देश में जिन मूल्यों के आधार पर स्वतंत्रता प्राप्त हुई, आज के परिस्थितियों का उन मूल्यों से तालमेल नहीं है. उन मूल्यों के विपरीत तेजी से घटनाएं घट रही हैं. समूचे देश में लोगों के मन में भय है. जो लोग वर्तमान सत्तापक्ष के विचारों से भिन्न मत रखते […]

आत्मा में संकल्प-शक्ति निहित है। आत्मा की व्याख्या है, संकल्प का अधिष्ठान। जिससे स्फूर्ति मिले, वही आत्मा है। शुभ संकल्प बनता नहीं, इसलिए आत्मा की संकल्प-शक्ति प्रकट नहीं होती। आत्मा की संकल्प-शक्ति के प्रकाशन के लिए हम प्रार्थना करते हैं। व्यापक अनुभव से ईश्वर-सम्पर्क हिन्दुस्तान के लोग तो भावुक होते […]

जेपी आंदोलन का आफ्टर इफेक्ट जो काम अंग्रेज 190 साल के शासन के दौरान नहीं कर पाये, वह जेपी से वीपी सिंह तक के दस-पंद्रह सालों के दौरान हो गया। सन 1974 के जेपी आंदोलन का प्रभाव राजनैतिक था, यह सच का एक पहलू है। उस समय के राजनैतिक दलों […]

तेल का खेल भारतीय कॉर्पोरेट्स की कई आयल रिफाइनरीज़ बांग्लादेश में हैं। भारत सरकार द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद इन लोगों ने इस पाम आॅयल का आयात इन्हीं बंगलादेशी रिफ़ाइनरीज़ के नाम करा लिया। खेल तो बस कागज पर ही होना था! मलेशिया ने […]

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