दुनिया भर में कुल बिजली उत्पादन में पवन और सौर ऊर्जा का हिस्सा दस फीसदी से ज़्यादा, 2015 के बाद से हुआ दोगुना
हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में विंड और सोलर एनर्जी अब कम से कम 10 फीसदी की हिस्सेदार हैं। दरअसल यह दोनों ऊर्जा स्त्रोत पिछले कुछ समय से तेज़ी से विकसित हो रहे हैं. 10 फीसदी की हिस्सेदारी का यह आंकड़ा पिछले साल हासिल किया गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया के 50 देशों में कुल बिजली उत्पादन का 10 फीसदी से ज़्यादा विंड और सोलर एनर्जी से हासिल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, ऐसे क्लीन एनर्जी स्रोतों ने 2021 में दुनिया की 38% बिजली का उत्पादन किया, जो कोयले (36%) से अधिक है।
दरअसल इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है एम्बर की तीसरी वार्षिक वैश्विक बिजली समीक्षा रिपोर्ट में। डेटासेट और रिपोर्ट 2000 से 2020 तक 209 देशों के लिए बिजली उत्पादन को कवर करती है, जिसमें 2021 के नवीनतम डेटा 75 देशों के लिए हैं। ये देश कुल वैश्विक बिजली की मांग के 93% हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
एम्बर के ग्लोबल लीडर डेव जोन्स ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अंततः आ ही गया पवन और सौर ऊर्जा का दौर। अब मौजूदा ऊर्जा प्रणाली को फिर से आकार देने वाली प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस दशक में उन्हें वैश्विक उत्सर्जन वृद्धि को उलटने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बिजली की गति से काम करने की आवश्यकता है।’
एम्बर की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021 में पवन और सौर ऊर्जा से अपनी बिजली के दसवें हिस्से से अधिक का उत्पादन 50 देशों ने किया, जिसमें दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। चीन, जापान, मंगोलिया, वियतनाम, अर्जेंटीना, हंगरी और अल सल्वाडोर जैसे सात नए देशों ने भी 2021 में पहली बार यह मील का पत्थर पार किया। दुनिया भर में विंड और सोलर एनर्जी का हिस्सा, 2015 में जब पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसके बाद से दोगुना हो गया है।
सबसे तेजी से परिवर्तन नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम में हो रहा है, जहां पिछले दो वर्षों में बिजली की मांग का लगभग दसवां हिस्सा जीवाश्म ईंधन से पवन और सौर में स्विच कर चुका है। 2021 में दस देशों ने पवन और सौर से अपनी बिजली का एक चौथाई से अधिक उत्पादन किया, जिसका नेतृत्व डेनमार्क ने 52% हिस्सेदारी के साथ किया। यह दर्शाता है कि रिन्युएबेल एनर्जी को सफलतापूर्वक ग्रिड में एकीकृत किया जा सकता है।
बिजली की मांग फिर से बढ़ी, CO2 और कोयले में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
महामारी के बाद बिजली की मांग 2021में अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि तक पहुंच गई, जो दुनिया भर की बिजली की मांग में एक नया भारत जोड़ने के बराबर है। पवन और सौर उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद, उन्होंने 2021 में बिजली की मांग में वैश्विक वृद्धि का केवल 29% पूरा किया, बाकी जीवाश्म ईंधन से पूरा किया गया।
नतीजतन, 2021 में कोयले और बिजली में 1985 के बाद से सबसे तेज वृद्धि (+9%) देखी गई, जो सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। कोयले के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि वैश्विक गैस उत्पादन से मेल नहीं खाती, 2021 में केवल 1% गैस की वृद्धि हुई। जीवाश्म ईंधन में वृद्धि ने वैश्विक बिजली क्षेत्र के CO2 उत्सर्जन को 2018 के अब तक के सर्वकालिक उच्च स्तर के भी पार धकेल दिया।
पवन और सौर ऊर्जा की विकास दर को बरकरार रखना होगा
2021 में पवन और सौर उत्पादन में 17% की वृद्धि हुई। बिजली क्षेत्र को 1.5 डिग्री की तापमान वृद्धि हेतु ट्रैक पर लाने के लिए पवन और सौर को 2030 तक हर साल 20% की चक्रवृद्धि विकास दर बनाए रखने की आवश्यकता है, जो पिछले दशक में विकास की औसत दर थी।
एम्बर के डेव जोन्स आगे कहते हैं, ‘स्वच्छ बिजली को अब एक बड़े पैमाने पर बनाने की जरूरत है।’ वैश्विक ताप को 1.5 डिग्री से अधिक न होने देने के लिए बिजली क्षेत्र पर सबसे ज़्यादा दारोमदार है। मई 2021 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने 2050 तक अपनी नेट ज़ीरो रिपोर्ट प्रकाशित की, जो दर्शाती है कि बिजली क्षेत्र को 2020 में सबसे अधिक उत्सर्जक क्षेत्र से 2040 तक वैश्विक स्तर पर शुद्ध शून्य हिट करने वाला पहला क्षेत्र बनाने की आवश्यकता है। एम्बर द्वारा जारी एक नयी रिपोर्ट, ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू-2021 में वैश्विक एनर्जी ट्रांजीशन में बदलाव की समीक्षा की गयी है, इलेक्ट्रिसिटी ट्रांजीशन में साल-दर-साल बदलाव दिखता है।
विश्लेषण से पता चलता है कि 1.5 C को पहुंच के भीतर रखने के लिए पवन और सौर को 2030 तक हर साल 20% की उच्च चक्रवृद्धि विकास दर को कैसे बनाए रखना चाहिए। 2021 बस उस लक्ष्य (+17%) से कम हो गया, लेकिन प्रमुख देश दिखा रहे हैं कि इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है। यह डेटासेट और रिपोर्ट 2000 से 2020 तक 209 देशों में बिजली उत्पादन को कवर करती है, जिसमें वैश्विक बिजली की मांग का 93% हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 देशों के लिए 2021 के नवीनतम डेटा शामिल हैं।