असत्य और अफवाहों की दलदली संस्कृति में फंसा सत्यमेव जयते का आदर्श अभिव्यक्ति की आज़ादी ख़तम करने पर एक देश के रूप में हम मौन की एक अबूझ दुनिया में गुम हो जायेंगे. न्याय की मांग और समता की भूख दोनों कमजोर पड़ जायेगी. एक बेहतर जिंदगी, प्रगति पथ पर […]
संविधान में मिली अभिव्यक्ति की आज़ादी तभी कारगर होगी, जब पत्रकारों को निर्भय होकर काम करने का मौक़ा मिले और ग़लत करने वालों के खिलाफ शिकायत का एक स्वतंत्र क़ानूनी फ़ोरम हो। हाल ही में एक टेलीविज़न डिबेट में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के […]
पुण्य स्मरण वे सर्वोदय आन्दोलन की बेहद महत्वपूर्ण शख्सियत थे. उनका जाना सर्वोदय आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। गांधी पीस फाउंडेशन, राउरकेला के पूर्व कार्यकर्ता और उत्कल सर्वोदय मंडल के पूर्व अध्यक्ष नारायण दास नहीं रहे। 20 जून को दोपहर 12.30 बजे केआईएमएस, भुवनेश्वर में उनका निधन हो गया। […]
गंगोत्री घाटी के कोपांग में आईटीबीपी चौकी के समीप यह एक ऐसा अद्भुत और अलौकिक वृक्ष है, जो एक ही वृक्ष में देवदार के बीस विशाल वृक्ष समेटे हुए है। जमीन से ऊपर उठता हुआ मुख्य तना और उसके ऊपर से निकलती इसकी बीस शाखाएं, जो बीस की बीस अपने […]
जन-मन बिरले लोग ही होंगे, जिन्हें औरंगज़ेब के बाद के मुग़ल शासकों के नाम याद होंगे। कभी परीक्षा के लिए याद भी किया होगा तो परीक्षा के फ़ौरन बाद भूल भी गए होंगे। ऐसा होना बिल्कुल स्वाभाविक है, क्योंकि औरंगज़ेब के बाद मुग़ल साम्राज्य बिखर गया था और दिल्ली व […]
जन-मन जल ही जीवन है, यह कहना ही पर्याप्त नहीं है. अपने तथा आने वाली पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए जल को संरक्षित करने के बारे में अनुसंधान, चिन्तन तथा परिश्रम करना होगा। जल का प्रमुख स्रोत वर्षा है। वर्षा का अधिकांश जल जो हम उपयोग नहीं […]
भवानी शंकर कुसुम द्वारा किये गये प्रयासों और उत्कृष्ट कार्यों के लिए 12 मई 2022 को यूएनसीसीडी कॉप-15 द्वारा आबिदजान, अफ्रीका में उन्हें आधिकारिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सम्मेलन में 158 देशों से स्वैच्छिक संगठनों तथा सरकारी विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। ग्राम भारती समिति के सदस्य और […]
डॉ बनवारी लाल शर्मा के बारे में सुनकर यह यकीन नहीं होता है कि बीते दशक में कोई ऐसा मनुष्य भी था। उपनिवेशवाद से संघर्ष के पश्चात भारत को स्वतंत्रता मिली। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश आत्मनिर्भरता की राह पर चला। पर 80 के दशक में वैश्विक पूंजीवाद के दबाव […]
धर्म के आधार पर भेदभाव गांवों की तुलना में शहरों में कहीं अधिक है। जाति के आधार पर भेदभाव, विशेष रूप से अनुसूचित जातियों के खिलाफ, शहरों की तुलना में गांवों में अधिक है। हालांकि लिंग के आधार पर भेदभाव गाँवों के साथ-साथ शहरों में भी है, यह बात स्कूल […]
झारखण्ड में कुड़मि समुदाय दरअसल अनुसूचित जन जाति है, इसके कई प्रामाणिक तथ्य मौजूद हैं। वर्ष 1913 के भारत सरकार के गजट में स्पष्ट रूप से कुड़मि समुदाय अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल था और 1931 तक की जनगणना में भी कुड़मि समुदाय को आदिम जनजाति की सूची में […]