आज पूरा देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की विपदा से जूझ रहा है। अब यह लहर शहरों की सीमा पार कर गांवों तक फैल गया है। परिणामस्वरूप गंगा सहित अन्य नदियों में मानव शवों का बहते देख रहा है। यह विपदा अकेले सरकारों की चुनौती नहीं है। समाज के […]

हर किसी के लिए कोरोना की आपबीती अलग रही है, इसलिए हर कोई अपने-अपने नजरिये से इसे देखने और समझने का प्रयास कर रहा है। बीते दिनों में सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कोरोना काल के अपने-अपने दुःखों को बयान किया। समय तो वाकई विकट ही था, क्योंकि हमने […]

शीर्ष पर, खूब सारी ऊंचाई पर – भले ही वह खुद की असफलताओं के कचरे और उसके चलते हुई लाखों जिंदगियों की टाली जा सकने वाली मौतों से इकट्ठी हुई लाशों के हिमालयी ढेर की ऊंचाई ही क्यों न हो–पहुँच जाने के बाद दिमाग सनक जाता है, विवेक लुप्त हो […]

जिस समय देश के करोड़ों-करोड़ नागरिकों के लिए एक-एक पल और एक-एक साँस भारी पड़ रही है, सरकारें महीने-डेढ़ महीने थोड़ी राहत की नींद ले सकती हैं। यह भी मान सकते हैं कि जनता चाहे कृत्रिम साँसों के लिए संघर्ष में लगी हो, देश के नियंताओं को कम से कम […]

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