गांधी विचार अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत देता है

पट्टीकल्याणा में राष्ट्रीय युवा शिविर

चा र दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय युवा शिविर में शामिल होने के लिए 23 दिसम्बर को सैकड़ों युवा पट्टीकल्याणा पहुंचे। शिविर का आरम्भ गांधी जी एवं स्वर्गीय सुब्बाराव के चित्रों पर सूतांजलि एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। शिविर का उद्घाटन करते हुए राधा बहन भट्ट ने कहा कि हमें भारत को समझने की आवश्यकता है। प्रेम, भाईचारा, सद्भावना और विश्व ही राष्ट्र का मूल आधार है. हमें नकारात्मकता छोड़कर गांधीजी के दर्शन के द्वारा देश को मजबूत करना है। यदि आप में गलत को गलत कहने का साहस नहीं होगा, तो समाज की विषमताएं ऐसे ही चलती रहेंगी। उद्घाटन सत्र में संस्था के सचिव आनंद कुमार शरण ने सभी शिविरार्थियों एवं अतिथियों का स्वागत किया।

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राष्ट्रीय युवा शिविर के तीसरे दिन शिवरार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए रामचन्द्र राही ने कहा कि राजसत्ता से लोकसत्ता की स्थापना ही स्वराज्य आंदोलन का लक्ष्य था। आज व्यवस्था मुट्ठी भर उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली बनती जा रही है, इससे बाहर आने की आवश्यकता है. गांधी के रास्ते से ही हम जनता के हित में कार्य कर सकते हैं.


राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक अन्नामलाई ने कहा कि अहिंसा एक सकारात्मक शक्ति है, जिसने न केवल देश को आजाद कराया, बल्कि एक मजबूत संविधान भी प्रदान किया। आप यहां से एक निश्चय कर के जाइये कि इन विचारों को अपने जीवन मे उतारेंगे। यही शिविर की सार्थकता होगी। शिविर को गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने भी सम्बोधित किया। -संजय सिंह

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