सर्व सेवा संघ,गांधी अनुयायी संगठनों तथा सहमना संघठनों की संयुक्त पहलकदमी
देश में जिन मूल्यों के आधार पर स्वतंत्रता प्राप्त हुई, आज के परिस्थितियों का उन मूल्यों से तालमेल नहीं है. उन मूल्यों के विपरीत तेजी से घटनाएं घट रही हैं. समूचे देश में लोगों के मन में भय है. जो लोग वर्तमान सत्तापक्ष के विचारों से भिन्न मत रखते हैं, उन्हें लम्बे समय तक जेलों में बंद रखा जा रहा है. तीस्ता सीतलवाड़ तथा उनके सहयोगियों की गिरफ़्तारी ने देश के सामाजिक न्याय तथा मानवतावादी आंदोलनों की संस्कृति पर कुठाराघात किया है. नर्मदा बचाओ आन्दोलन की प्रणेता मेधा पाटकर के विरुद्ध दायर निराधार एफ़ाईआर, पत्रकार मोहम्मद जुबेद के साथ किये गये दुर्व्यवहार, वरिष्ठ गांधी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर लगाये गये आरोप, धार्मिक समुदायों के बीच ध्रुवीकरण, संवैधानिक संस्थाओं की स्वायतता पर लगते सवालिया निशानों, बेकाबू महंगाई, रूपये की निरंतर गिरती साख और विकराल हो चुकी बेरोजगारी की समस्या ने आम आदमी को हिलाकर रख दिया है. नागरिक अधिकारों तथा धार्मिक सौहार्द के संरक्षण के लिए सर्व सेवा संघ ने देश भर में महा जन जागरण यात्रा निकालने का निश्चय किया है.
गरीबी रेखा के नीचे जी रहे लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. स्वास्थ्य और शिक्षा का निजीकरण हो रहा है. गांधीजी के विचारों पर सोशल मीडिया द्वारा वैचारिक हमले हो रहे है. अग्निपथ योजना हो, या बुलडोजर संस्कृति, देश की संवैधानिक और सांस्कृतिक विरासत को बिगड़ने का काम चल रहा है. देश को खाई में ढकलने वाली इन कोशिशों के विरोध में सर्व सेवा संघ इस महा ज्न्जग्र्ण यात्रा के जरिये यात्रा लोगों को जागरूक करेगा.
इस आयोजन का प्रथम चरण अगस्त क्रांति के दिन 9 अगस्त 2022 को राजघाट, दिल्ली में एकदिवसीय संकल्प सत्याग्रह से शुरू होगा. 9 अगस्त के बाद देश भर में चलने वाली इस यात्रा का विस्तृत ब्योरा जारी किया जायेगा.
सर्व सेवा संघ का मानना है कि देश का सम्पूर्ण आर्थिक ढांचे को वर्तमान सत्ता ने चंद पूंजीपतियों के हाथों में सौंप दिया है. इस भयावह स्थिति के बारे में महायात्रा के दौरान लोगों का प्रबोधन किया जायेगा और उन्हें स्थिति से अवगत कराया जायेगा.
सरकार ने खादी के कपड़े से बने राष्ट्रध्वज की गरिमा को ख़त्म करने का बीड़ा उठाया है. खादी से बने अधिकृत ध्वज की जगह अब पॉलिस्टर युक्त ध्वज लेने जा रहा है. इस निर्णय के विरुद्ध 15 अगस्त 2022 को देश भर में कम से कम 75 जगहों पर चरखे पर सूत कताई का आयोजन कर दुनिया को सन्देश दिया जायेगा कि बापू के रचनात्मक कार्यक्रमों से निकले परिणामों का आज भी कोई विकल्प नहीं है.
–चंदन पाल, अध्यक्ष, सर्व सेवा संघ