पाठक का पत्र
सर्वोदय जगत के 16-31 मार्च अंक-15 में प्रकाशित, सेवाग्राम में आयोजित सर्वोदय सम्मेलन की रिपोर्ट सम्पूर्ण और बेहतरीन आई है। वक्ताओं के विचारों की कड़ियाँ, देश और व्यक्ति के वर्तमान की झलकियाँ प्रस्तुत करती हैं, जो हमें देखने और सोचने के लिए जगत-जीवन का परिपूर्ण चित्र उपस्थित करता है। मैं इस सम्मेलन का साक्षी रहा हूँ। वहाँ जो श्रद्धेय सामदोंग रिनपोछे के श्रीमुख से जो सुना, उसे इसमें पढ़कर अलग से सुखद लगा। आवाहनपरक वक्तव्यों की श्रॄंखला मार्गदर्शक और प्रेरक है। पुरोधाओं ही नहीं देश, समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करने की तड़प लिए यहाँ युवाओं की भी आवाज़ है। आर्थिक और पारिस्थितिक मुद्दों पर आलेख जानकारीप्रद और ज़रूरी महत्व के हैं। गाँधी और लोहिया से जुड़े सवालों का भी जवाब है। सर्वोदय जगत सचमुच लाजवाब है।
-केशव शरण