2 अक्टूबर से 30 जनवरी के बीच होगी राष्ट्रीय जन संवाद यात्रा

लोकतांत्रिक जन पहल की कोर कमेटी की बैठक

24 जुलाई को लोकतांत्रिक जन पहल, बिहार कि कोर कमेटी की बैठक रूकनपुरा में हुई. सत्य नारायण मदन ने जून को गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में हुई बैठक और 10 जुलाई को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में हुए बेरोजगारी, मंहगाई और साम्प्रदायिकता विरोधी सम्मेलन की रिपोर्ट रखी।

सम्मेलन के निर्णयानुसार प्रो अरुण कुमार की अध्यक्षता में पीपल्स कमीशन ऑन राइट टू एम्प्लॉयमेंट का गठन किया गया, जिसके सदस्य हैं प्रशांत भूषण, हरियाणा की युवा साथी बबीता तथा दिल्ली के साथी अनुपम। इसके अलावा दिल्ली बैठक में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की चर्चा भी इस बैठक में हुई। खास तौर पर 2 अक्टूबर 2022 से 30 जनवरी 2023 के बीच होने वाली राष्ट्रीय जन संवाद यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया गया। कर्नाटक के साथी एसआर हीरेमठ ने कहा कि एक यात्रा बंगलुरु से सेवाग्राम तक वे भी आयोजित करना चाहते हैं, जिसका सबने स्वागत किया।


गुजरात के सूरत में हुए सर्व सेवा संघ के अधिवेशन में भाग लेकर लौटे साथी प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि एक बात वहां पर लोग शिद्दत से महसूस कर रहे थे कि गांधी के विचारों पर लगातार हमले हो रहे हैं, उनकी प्रतिमाएं तोड़ी जा रहीं हैं, फिर भी क्या‌ कारण है कि सर्व सेवा संघ अन्याय के विरुद्ध अपने मूल तेवर में नहीं आ पा रहा है। मेधा पाटकर के खिलाफ झूठे मुकदमे दायर करने और हिमांशु कुमार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जुर्माना लगाने की कठोर निंदा करते हुए सबने महसूस किया कि सड़क पर उतरने की जरूरत है। इस सिलसिले में 9 अगस्त 2022 को दिल्ली के राजघाट पर विशाल धरना देने का फैसला किया गया है। उन्होंने मीडिया और न्यायपालिका के सरकारी चंगुल में फंसे होने की बात कही।

कृष्ण मुरारी ने कहा कि बिना स्थानीय समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर काम किये, हम लोगों से न जुड़ सकते हैं और न आगे संघर्ष को कारगर बना सकते हैं। अनुपम प्रियदर्शी ने कहा कि नरेंद्र मोदी अब पसमांदा और दलित यात्रा की बात कर रहे हैं। हमें लोगों को सावधान करना होगा कि लोग भ्रम और बहकावे में न पड़ें।

फैयाज इकबाल ने कहा कि निजीकरण के चलते रोजगार के अवसर घटे हैं। प्रो गगन अरण्य ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या विकराल है. इसपर चर्चा होनी चाहिए। निर्मल ने कहा कि हमें मुद्दों पर आधारित लड़ाई जारी रखनी है। एंटो जोसेफ ने कहा कि हमें जितना जल्दी हो, कार्यक्रम लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विषमता को भी मुद्दा बनाना चाहिए और न्यूनतम आय गारंटी की बात भी उठानी चाहिए।

ऋषि आनंद ने शिक्षा और बेरोजगारी को लेकर अभियान चलाने पर बल दिया। उन्होंने संयुक्त किसान आंदोलन द्वारा घोषित कार्यक्रमों और उसकी गतिविधियों की जानकारी दी। तबस्सुम अली ने कहा कि सरकार का रवैया शिक्षा को ही खत्म करने वाला है। मणिलाल ने शिक्षा बजट के आवंटन में भेदभाव का मामला उठाया। जोश के ने कहा कि बिखरी हुई ताकतों को इकट्ठा करके आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को हराने की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने की बात भी कही।

कंचन बाला ने कहा कि हमलोगों को युवाओं के बीच जाना चाहिए। बेरोजगारी, मंहगाई और साम्प्रदायिकता को लेकर एक अच्छा परचा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटना को अलग-अलग जोन में बांटकर शांति मार्च का आयोजन होना चाहिए।

सुधा वर्गीज ने महिलाओं के रोजगार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अब धान रोपनी का काम लोग बाहर से पुरुषों को बुलाकर करा रहे हैं। पहले यह काम महिलाएं करती थीं। अब यह काम भी उनके हाथ से छिन रहा है। दलित समुदाय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में मजबूरन वे लोग दारू बनाकर बेचते हैं और अपना पेट पालते हैं। ऐसे में पुलिस उन्हें मुकदमों में तो फंसाती ही है, घर से गहने और कीमती सामान भी उठा ले जाती है। उन्होंने मनरेगा की बदहाली की भी चर्चा की। अशरफी सदा ने कहा कि फुलवारी की घटना को लेकर हमलोगों को भी अपने बैनर से कार्यक्रम लेना चाहिए। शम्स, हृषिकेश और अनूप कुमार सिन्हा ने बैठक में हुई बातों का समर्थन किया। पुष्पा प्रियदर्शी ने फुलवारी इलाके में साम्प्रदायिक अफवाहों की चर्चा की।

पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय साथी कपिल ने मुंबई में आरे जंगल को खत्म किए जाने से संबंधित जानकारियों व संघर्ष से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मेट्रो कार शेड बनाने के नाम पर जंगल काटने की योजना है जबकि इसे कहीं और बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे बिल्डर लॉबी व अन्य शक्तिशाली लोग हैं, जो जंगल को हड़पना चाहते हैं।

6 अगस्त को गांधी मैदान से हाईकोर्ट तक ‘निर्भय बनो शांति मार्च’ का आयोजन किया जाएगा। 3 एवं 4 सितंबर को पटना में बेरोजगारी, महंगाई और साम्प्रदायिकता विरोधी दो दिवसीय राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिला सम्मेलन का आयोजन संबंधित ज़िलों के साथियों की सहमति से आयोजित किया जाएगा। बेरोजगारी के सवाल पर युवा साथियों की एक अभियान समिति का गठन भी किया गया।

– सत्य नारायण मदन

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